नीरज भट्ट मैं ये बात अब कहना जरूरी समझता हूँ या अब चुप नहीं रहा जाता । कल ठीक इसी समय फ़ोन पर अपने दगड़ी से इस बात पर चर्चा हो रही थी कि एक महान लोकगायिका की बेटी के लिए अपना इलाज कराना असंभव... Read more
मौर्या गढ़वाली, कुमाउनी और जौनसारी भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री श्री मनीष सिसोदिया ने एक एकेडमी गठित कर दी है। मशहूर अवार्ड-विनिंग सिंगर और आर्टिस्ट हीरा स... Read more
देवेन मेवाड़ी सन् साठ के दशक के अंतिम वर्ष थे। एम.एससी. करते ही दिल्ली के भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में नौकरी लग गई। आम बोलचाल में यह पूसा इंस्टिट्यूट कहलाता है। इंस्टिट्यूट... Read more
जगमोहन रौतेला प्रख्यात भौतिक विज्ञानी व कुमाऊँ विश्वविद्यालय के पहले कुलपति डॉ. डीडी पंत के जन्म शताब्दी समारोहों की श्रंखला में हल्द्वानी के मेडिकल कॉलेज के सभागार में गत 13 अक्टूबर 2019 को... Read more
डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला मंडुवा, झंगोरा खाएंगे, उत्तराखंड बनाएंगे। उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में खरीफ की मुख्य फसलों में शुमार मंडुवा व सांवा झंगोरा, मादिरा का रकबा घट रहा है। राज्य गठन... Read more
कमलेश जोशी उत्तराखंड में प्रधानी के चुनाव अब जाकर आए हैं लेकिन खीम दा को प्रधानी का बुखार पिछले साल से ही चढ़ने लगा था. वैसे तो खीम दा ने जिंदगी में कोई बड़ा तीर नही मारा ठैरा लेकिन लोगों द्... Read more
दया कृष्ण काण्डपाल पंचायत चुनावों के बाद दशहरा भी बीत गया। हजारों की भीड़ पुतलों के साथ नाच रही है। नाचने वालो में 90% नशेड़ी। इन पुतलों से क्या सीख मिली हमें ? नहीं मालूम। हर कोई निशाचर रूप... Read more
विनीता यशस्वी कुमाऊं अंचल में रामलीला के मंचन की परंपरा का इतिहास लगभग 160 वर्षों से भी अधिक पुराना है। यहाँ की रामलीला मुख्यतः रामचरित मानस पर आधारित है जिसे गीत एवं नाट्य शैली में प्रस्तुत... Read more
देवेश जोशी सळौ डारि ऐ गैना, डाळि बोटि खै गैना। फसल पात चाटि गैना, बाजरो खाणों कै गैना। सळौ डारि डांड्यूं मा, बैठि गैन खाड्यूं मा। हात झेंकड़ा लीन, सळौ डारि हांकी दीन। काकी पकाली पलेऊ, काका ह... Read more