क्या है भारत माता? क्या है अपना भारत? पंडित नेहरू की पुण्यतिथि पर राजेन्द्र भट्ट की आज के संदर्भ में प्रासंगिक श्रद्धांजलि आज 27 मई है – पंडित नेहरू की पुण्यतिथि! आधुनिक भारत के निर्माता! ह... Read more
चन्द्रशेखर तिवारी सत्तर के दशक में लखनऊ के आकाशवाणी केन्द्र से पर्वतीय इलाके के लोगों लिए एक कार्यक्रम प्रसारित होता था उत्तरायण। यह कार्यक्रम तकरीबन एक घण्टे चला करता था। तब उत्तरायण के माध... Read more
देवेश जोशी शेरदा अनपढ़। उत्तराखण्ड के एक ऐसे कवि जिसे काव्यकर्म के लिए किसी पढ़ाई-लिखाई की जरूरत न थी। फिर भी समाज और परिवेश को पढ़ने में वो नम्बर वन थे। लोग उनकी पढ़ाई-लिखाई पर सवाल उठाएँ इस... Read more
अमित श्रीवास्तव मुझे नाम याद नहीं रहते. दो-तीन साल पहले ‘दि हिन्दू’ के एक आर्टिकल में उस रिटायर्ड मुख्य सचिव और उसके सहयोगी कर्मचारी का क्या नाम था, मुझे याद नहीं. धुंधली सी याद... Read more
अमरीक सुमित्रानंदन पंत छायावाद के चार प्रमुख हस्ताक्षरों में से सिरमौर थे। सौंदर्य के अप्रीतम कवि। प्रकृति उनके विशाल शब्द-संसार की आत्मा है। पंत जी का जन्म 20 मई, 1900 में अल्मोड़ा के कौसान... Read more
अमरीक 12 मई को लब्धनिष्ठ आलोचक नंदकिशोर नवल का 83 वर्ष की उम्र में जाना एक ऐसे हिंदी साहित्य हस्ताक्षर का जाना है जिन्होंने ताउम्र अग्रज और समकालीन तथा नवोदित हिंदी साहित्यकारों की (बनती) सर... Read more
प्रमोद साह आज ही के दिन 9 मई 1980 को अल्मोड़ा जनपद के ऊपरी सल्ट क्षेत्र में , दूल्हे श्याम प्रसाद को मंदिर से कोई 1 किलोमीटर पहले पालकी से उतारने की जिद से जो महिलाएं चींखी, चिल्लाई वह हमार... Read more
चन्द्रशेखर तिवारी कुमाऊं अंचल के प्रवेश द्वार हल्द्वानी शहर से सटा हुआ गौलापार क्षेत्र खेती, बागवानी और पशुपालन की दृष्टि से बहुत समृद्ध माना जाता है। प्रशासनिक इकाई की दृष्टि से गौलापार क्ष... Read more
टूट गई मजहब की दीवार: इरफान खान-सुतपा की यह प्रेम कहानी है. यह सहजीवन है. यह आधुनिक दांपत्य है. अजय ब्रह्मात्मज इरफान खान और सुतपा सिकदर दिल्ली स्थित एनएसडी में मिले. साल था 1985 … दि... Read more
अमरीक कुछ शख्सियतें जिंदगी की प्रतिबद्धता की वह खुली किताब होती हैं जिनके जिए का एक-एक लफ्ज़ धड़कता है और अपना होना दर्ज करता है। गुजर जाने के बाद भी। साहिबजादी जोहरा बेगम मुमताजुल्ला खान उ... Read more