ताज़ा तरीन

पिक्चर आना अभी बाकी है

पिक्चर आना अभी बाकी है

वीरेन्द्र कुमार पैन्यूली यदि पिक्चर आना अभी बाकी है तो ट्रेलर देख समझ लीजिये उत्तराखण्डीयत को बचाने की लड़ाई कितनी मुश्किल होगी । दिल्ली के संसदीय थियेटरों में भले ही बौक्स आफिस हिट हो जाये पर आगे उत्तराखंड में उत्तराखंडी अस्मिता दिखाती ही पिक्चर हिट होने वाली है । प्रधान मंत्री जी ने सबका साथ […] Read more

हरिद्वार- ऋषिकेश में बेहिसाब भीड़ और कड़वे अनुभव!

हरिद्वार- ऋषिकेश में बेहिसाब भीड़ और कड़वे अनुभव!

डाॅ. सुशील उपाध्याय गर्मी की शुरुआत के साथ ही हरिद्वार-ऋषिकेश, देहरादून-मसूरी में पर्यटकों की भीड़ चारों तरफ नजर आने लगी है। खासतौर से शनिवार-इतवार में यह भीड़ स्थानीय लोगों की संख्या को टक्कर देती है। यह बेतहाशा भीड़ अप्रैल से जुलाई तक के चार महीनों में ऐसे टूट पड़ती है, जैसे साल के बाकी बचे […] Read more

सम्पादकीय

इस लोकतंत्र और संविधान बचाने के लिये मतदान करें!

इस लोकतंत्र और संविधान बचाने के लिये मतदान करें!

राजीव लोचन साह 2024 का लोकसभा चुनाव देश की आजादी के 77 वर्षों का शायद सबसे नाजुक और महत्वपूर्ण चुनाव है। भारत का लोकतंत्र कभी इतनी खतरनाक हालत में नहीं था। हमारे पूर्वजों ने हजारों कुर्बानियाँ देकर आजादी दिलायी थी और देश चलाने के लिये एक संविधान बनाया था। अब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बदले […] Read more

देखते हैं अठारहवीं लोकसभा चुनाव में जनता किसके साथ खड़ी होगी

देखते हैं अठारहवीं लोकसभा चुनाव में जनता किसके साथ खड़ी होगी

राजीव लोचन साह अठारहवीं लोकसभा का चुनाव एकदम सामने है। जून पहले सप्ताह में देश को एक नयी सरकार मिल जायेगी। 400 सीटें जीतने का दावा करने वाले नरेन्द्र दामोदर मोदी तीसरी बार सत्तारूढ़ होते हैं या लोकतंत्र खत्म होने की फिक्र में दुबला हो रहा इंडिया गठबंधन उन्हें सत्ताच्युत कर सकेगा, यह अभी भविष्य […] Read more

आशल कुशल

देश दुनिया

हरिद्वार- ऋषिकेश में बेहिसाब भीड़ और कड़वे अनुभव!

हरिद्वार- ऋषिकेश में बेहिसाब भीड़ और कड़वे अनुभव!

डाॅ. सुशील उपाध्याय गर्मी की शुरुआत के साथ ही हरिद्वार-ऋषिकेश, देहरादून-मसूरी में पर्यटकों की भीड़ चारों तरफ नजर आने लगी है। खासतौर से शनिवार-इतवार में... Read more

जंगली जानवरों की बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करना ही होगा

जंगली जानवरों की बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करना ही होगा

व्‍योमेश चन्‍द्र जुगरान देश की राजधानी दिल्‍ली में उत्तराखंडियों के सांस्‍कृतिक-साहित्यिक मंचों पर प्राय: नदारद रहने वाला एक अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण विषय... Read more

किताबें

पिता के बारे में पढ़ते हुए

पिता के बारे में पढ़ते हुए

प्रतुल जोशी कोई भी पुत्र अपने पिता को जन्म से ही जानता है। पिता यदि एक साधारण गृहस्थ हो तो उन्हें जानना भी आसान हो सकता है लेकिन पिता ने यदि अपने जीवन... Read more

साहित्य और संस्कृति

 अलविदा प्रहलाद सिंह मेहरा 

 अलविदा प्रहलाद सिंह मेहरा 

डॉ. हरीश चन्द्र अन्डोला उत्तराखंड के वरिष्ठ लोक गायक प्रहलाद सिंह मेहरा का जन्म 04 जनवरी 1971 को पिथौरागढ़ जिले की मुनस्यारी तहसील चामी भेंसकोट के राजप... Read more

जी रौं लाख सौ बरीस

जी रौं लाख सौ बरीस

विनीता यशस्वी अब तो समाचार की होली ‘नैनीताल समाचार’ के नये ऑफिस में होने लगी है, पर पहले समाचार के पटांगण में होली होती थी और क्या रंग जमता था! वे सभी... Read more

पर्यावरण

अनुमान से कहीं ज्यादा है प्रकृति के नुकसान की कीमत

अनुमान से कहीं ज्यादा है प्रकृति के नुकसान की कीमत

दयानिधि ‘डाउन टू अर्थ’ से सावधान प्रकृति और मनुष्य के बीच बहुत गहरा संबंध है, यह हमें कई तरह के फायदे पहुंचाती है। इससे हमें सांस लेने के लिए शुद्ध हव... Read more

चिपको के 50 साल : रेणी के जीवन का यादगार दिन

चिपको के 50 साल : रेणी के जीवन का यादगार दिन

शेखर पाठक जोशीमठ में चिपको आन्दोलन शुद्ध सर्वोदयी सीमा तथा संचालन पद्धति से कुछ बाहर निकला और एक प्रकार से भाकपा के गोविन्दसिंह इसका नेतृत्व कर रहे थे... Read more

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