यह लेख अक्टूबर 2011 में ‘नैनीताल समाचार’ अखबार में प्रकाशित हो चुका है। इसे ‘नैनीताल समाचार’ की वेबसाइट में एक बार पुन: प्रकाशित किया जा रहा है। लेखक: उत्तराखंडवासी, ... Read more
गजेंद्र रौतेला सम्पूर्ण हिमालयी क्षेत्र अपनी विशिष्ट और मौलिक संस्कृति के साथ-साथ भूमंडलीकरण के इस दौर में भी जीवंत लोकोत्सवों के लिए आज भी जाना जाता है।जिनमें से लौ/लय्या की एक खास जगह है।... Read more
चन्द्रशेखर तिवारी उत्तराखंड अपनी निराली संस्कृति के लिए जाना जाता है. यहां के लोक जीवन के कई रंग और कई उत्सव हैं. ऐसा ही एक पारंपरिक उत्सव है घी संक्रांति. उत्तराखण्ड में घी संक्रान्ति पर्व... Read more
देवेश जोशी इक्कीसवीं सदी में ओलम्पिक हॉकी का पहला पदक भारत ने हाल ही में जीता है। जर्मनी को हराकर, कांस्य पदक। पिछली सदी में भी आखिरी बीस साल ओलम्पिक पदक का सूखा ही रहा। एक दौर वो भी था, जब... Read more
स्वस्ती श्री नैनीताल समाचार का सम्पादकज्यू उनरा टीम का सहयोगी, सबै भाई-बन्धु, दीदी-भुली, साथी-दगड़ी और सम्मानित प्रवर पाठकों को यथायोग्य हाथ जोड़ी नमस्कार और आशीष। अत्र कुशलं च तत्रास्तु। मुख्... Read more
चंद्र शेखर तिवारी उत्तराखंड का एक बाजूबंद गीत जिसमें पहाड़ के काश्तकार पति पत्नी के खेती-पाती व पशुपालन के काम में एक-दूजे को परस्पर सहयोग करने की प्रबल भावना का सुंदरतम चित्रण हुआ है। उत्तरा... Read more
विनोद जीना उत्तराखंड के पहाड़ में एक सामान्य परंपरा है, जब किसी व्यक्ति के घर में गाय या भैंस ब्याती है (मतलब बछड़े को जन्म देती है) तो बछड़े की उम्र 22 दिन होने पर या उसके बाद किसी दिन पशु... Read more
चारू तिवारी म्येरि ईज इस्कूलाक द्विपुर म बनी ठुल खिड़की में भैबैर रेडू सुणते हुये हम नानतिना पर लै आंख लगै ररुनैर भइ। हम बग्वाईपोखर (अल्म्वड़) म अपाण इस्कूलोक ठुल दंगडि और बगीच म ‘लुक्की’ (छुप... Read more
चन्द्रशेखर तिवारी 20 मई 1900 को कुमाऊं के कौसानी नामक सुंदर स्थान में जन्मे सुकुमार कवि सुमित्रानंदन पंत के बचपन का नाम गुसांई दत्त था. स्लेटी छतों वाले पहाड़ी घर, आंगन के सामने आड़ू खुबानी के... Read more
ज्ञानरंजन ‘पहल’ का अंक 125 हमारी और उसकी यात्रा का अब आख़िरी अंक होगा। अभी तक यह ख़बर अफ़वाहों में थी जो सच निकली। यह निर्णय हमारे और ‘पहल’ से जुड़े तमाम लोगों के लिए तकलीफ़देह है। ह... Read more