बृजमोहन जोशी प्रकृति के प्रति आत्मीय भाव और उसका मानवीकरण, मनुष्य जीवन में आदि काल से ही चला आ रहा है। इसी भाव ने पर्वतीय लोक जीवन में भी अनेक परम्पराओं और ऋतु त्योहारों को जन्म दिया है। हिम... Read more
हो मुबारक मंजरी फूलों भरी हो मुबारक मंजरी फूलों भरी ऐसी होरी खेलें जनाब अली बारादरी में रंग बनो है, हसन बाग मची होरी ऐसी होरी खेलें जनाब अली जुग-जुग जीवैं मित्र हमारे बरस-बरस खेलें होरी ऐस... Read more
गजेन्द्र रौतेला अक्सर फिल्में और समाज एक दूसरे को आइना दिखाते हैं। फिल्मों का प्रभाव समाज पर भी होता है तो समाज का फिल्मों पर भी।फिल्में हमारे समाज की बात को बेहद प्रभावी और कलात्मक ढंग से प... Read more
शीतल साहित्य के प्रति रुचि पैदा करने के उद्देश्य से एल एस एम राजकीय महाविद्यालय पिथौरागढ़ की छात्राओं द्वारा सावित्री बाई फुले पाठक मंच का गठन किया गया है। मंच की पहली बैठक में पिछले दिनों सम... Read more
नैनीताल समाचार की शुरूआत से इससे जुड़े देवेन मेवाड़ी को एक पखवाड़े के भीतर पहले साहित्य अकादमी पुरस्कार और फिर वनमाली विज्ञान कथा सम्मान से सम्मानित किये जाने की घोषणा हुई है। नैनीताल समाचार पर... Read more
महेंद्र बिष्ट आओ नये साल, स्वागत है तुम्हारा पर एक मेहरबानी करना यार कि एक अजनबी या मेहमान की तरह मत आना कि कालबेल बजाई और सोफे पे बैठे औपचारिक मुस्कान ओढ कर हाय हेलो कर ली. आओ, तो अपनों की... Read more
महिपाल नेगी गढ़वाल में इसलिए मनाई जाती है “इगास” दिवाली …….. माधो सिंह भंडारी की वीरता से है इसका संबंध …………. माधो सिंह भंडारी 17 वीं शताब्दी... Read more
स्वीटी टिंडे देवस्थानम बोर्ड की तरह इतिहास में उत्तरखंड के मंदिरों के प्रबंधन में सरकारी हस्तक्षेप पहली बार वर्ष 1882 में देखा गया जब बद्रीनाथ मंदिर परिसर में एक हत्या हुई। हत्या के बाद कुमा... Read more
केशव भट्ट बचपन में यदा-कदा बुड़-माकोट (पिताजी के ननिहाल)जाना होता था.वहां बगल के पाथरनुमा दोमंजिले घर की खिड़की पर रिश्ते के छोटे चाचा बांसुरी बजाते दिखाई देते. उन्हें सुनता तो मैं हैरत में... Read more
जयप्रकाश पंवार ‘जेपी’ जनकवि डा. अतुल शर्मा का लिखा जनगीत “लड़के लेंगे भिड़ के लेंगे छीन के लेंगे उत्तराखंड” एक ऐतिहासिक दस्तावेज है। जन-जन की जुबान पर रहा यह जनगीत उत्तराखंड आंदोलन की मा... Read more