अनिल अश्विनी शर्मा ‘डाउन टू अर्थ’ से साभार अरावली की सर्पीली पहाड़ियों की गोद में बसे सेंदड़ा गांव में भारी वर्षा हुई। दरअसल ब्यावर जिले मेंं इस मानसून के मई-जून में ढाई गुना से अधिक (सामान्... Read more
बी.डी. सुयाल जंगली जानवरों का जिक्र आते ही बाघ यानि टाइगर का खयाल स्वभाविक तौर पर दिमाग़ में आ जाता है। हालांकि उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में तेंदुए / गुलदार का राज रहता है। बीते वर्षों... Read more
प्रो. मृगेश पांडे काफल ट्री से साभार विकास की कीमत जंगल चुकाते रहे हैं. इनकी अनियंत्रित कटाई होती रही है.वन उत्पाद व उपज की प्रभावपूर्ण मांग हमेशा बनी रहती है. इनके पातन के साथ वन भूमि के अप... Read more
वर्षा सिंह ‘डाउन टू अर्थ’ से साभार टूटकर नदी में समाते घर, दरकते-टूटते पुल, सड़कों पर दौड़ता नदियों-गदेरों का पानी। उत्तराखंड के पौड़ी जिले की तलहटी में बसा कोटद्वार इस समय भारी बारिश की मार... Read more
बच्ची सिंह बिष्ट अपनी हालत का ख़ुद एहसास नहीं है मुझको मैंने औरों से सुना है कि परेशान हूँ मैं जब यह लेख लिखा कि हम दिनेशपुर क्षेत्र में अपने जनजातीय घोषित परिजनों के बीच थे तो कुछ मित्रों न... Read more
वर्षा सिंह ‘डाउन टू अर्थ’ से साभार केदारनाथ यात्रा मार्ग के महत्वपूर्ण पड़ाव गौरीकुंड में 3 अगस्त की रात भारी मूसलाधार बारिश के बाद आए भूस्खलन की चपेट में आकर 3 लोगों की मौत हो गई जबकि 17 लो... Read more
विनोद पाण्डे टेक्नोलॉजी का अर्थ हम समझते हैं और चमत्कार का भी। इसलिए हरित भ्रम को समझाना जरूरी है। जब से दुनियाँ में ये समझ पैदा हुई कि प्रकृति और पर्यावरण खतरे में है और मनुष्य के दीर्घकाली... Read more
अतुल सती पिछले एक पखवाड़े में सम्पूर्ण जोशीमठ में ही नया धंसाव नई दरारें देखने में आई हैं। बरसात ने पुराने धंसाव को और गहरा किया है, जिससे नई घर, मकानों में दरारें आई हैं। जोशीमठ बद्रीनाथ मार... Read more
रवि चेल्लम (लेख का हिंदी अनुवाद : उमेश तिवारी विश्वास) भारत की मात्र 21 प्रतिशत भूमि वन क्षेत्र है और इससे भी अधिक चिंता की बात यह है कि केवल 12.37 प्रतिशत भूमि ही प्राकृतिक वनों से आच्छादित... Read more
अतुल सती जोशीमठ आपदा ग्रस्त क्षेत्र सबसे संवदेनशील वार्ड सिंहद्वार (सिंहधार) का इलाका है। किसी समय जब सड़क मार्ग नहीं था और बद्रीनाथ पैदल ही यात्रा होती थी, तब यही मुख्य मार्ग था। इस मुख्य मा... Read more