ललित मौर्य ‘डाउन टू अर्थ’ से साभार ग्रीनहाउस गैसों के बढ़ने का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा। यही वजह है कि 2022 के दौरान वातावरण में मौजूद ग्रीनहाउस गैसें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी। क... Read more
दयानिधि ‘डाउन टू अर्थ’ से साभार अध्ययन में कहा गया है कि, भारत में आक्रामक पौधों की प्रजातियों ने 22 प्रतिशत प्राकृतिक आवासों पर कब्जा किया है। यहां इनके 66 प्रतिशत प्राकृतिक आवासों तक पहुंच... Read more
ललित मौर्य ‘डाउन टू अर्थ’ से साभार भारत में यदि एक सप्ताह तक भीषण गर्मी पड़े तो उसकी वजह से और 80.7 लाख लोग दाने-दाने के लिए मोहताज हो सकते हैं। भोजन की उपलब्धता पर बढ़ते तापमान के प्रभावों को... Read more
ललित मौर्य ‘डाउन टू अर्थ’ से साभार जलवायु में आता बदलाव दुनिया भर में अलग-अलग पारिस्थितिक तंत्रों को अलग-अलग तरह से प्रभावित कर रहा है। ऊंचे पहाड़ भी इससे सुरक्षित नहीं है। रिसर्च में पता चला... Read more
विनोद पांडे लगभग बिना चर्चा के संसद में पास हुए वन संरक्षण कानून 2023 पर आजकल देश भर में बहुत चर्चा हो रही है। यह मामला पर्यावरण के संरक्षण से जुड़ा है, जिसके दीर्घकालीन प्रभाव होगें। इसलिए इ... Read more
बच्ची सिंह बिष्ट हम करीब 70 प्रतिशत वन भूमि वाले राज्य हैं।जो शेष भूमि है, उसमें भी काफी अधिक भूमि विकास योजनाओं की भेंट चढ़ चुकी है।कभी 11 तो कभी 7 प्रतिशत कृषि भूमि बताई जाती है और उसका भ... Read more
रवि चोपड़ा अनुवाद – विनीता यशस्वी दुनिया की कुल आबादी में से 6.5 अरब लोगों, या कहा जाये कि कुल आबादी के 81 प्रतिशत लोगों ने जुलाई 2023 में मानव इतिहास की अब तक की सबसे ज्यादा गर्मी को म... Read more
अनिल अश्विनी शर्मा ‘डाउन टू अर्थ’ से साभार अरावली की सर्पीली पहाड़ियों की गोद में बसे सेंदड़ा गांव में भारी वर्षा हुई। दरअसल ब्यावर जिले मेंं इस मानसून के मई-जून में ढाई गुना से अधिक (सामान्... Read more
बी.डी. सुयाल जंगली जानवरों का जिक्र आते ही बाघ यानि टाइगर का खयाल स्वभाविक तौर पर दिमाग़ में आ जाता है। हालांकि उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में तेंदुए / गुलदार का राज रहता है। बीते वर्षों... Read more