भुवन पंत देवभूमि उत्तराखण्ड के वाशिंदे प्रकृति के उपासक रहे हैं । यों तो उत्सवधर्मिता सनातन की संस्कृति रही है, लेकिन देश में मनाये जाने वाले प्रमुख पर्वों के इतर देवभूमि के कुछ अपने विशेष ल... Read more
गजेन्द्र कुमार पाठक उत्तराखंड इस समय बेहद विषम पर्यावरणीय परिस्थितियों से गुजर रहा है। परंपरागत जल स्त्रोतों नौलौ , धारों, गाड़, गधेरों,गैरहिमानी नदियों में पानी का स्तर साल दर साल घटता जा र... Read more
गोविन्द पंत ‘राजू’ त्यौहार होली का हो तो बात टोपियों की क्यों न हो भला ! पहाड़ में तो होली का टोपियों से बड़ा गजब का रिश्ता है। आज तो तमाम तरह की अजब-गजब टोपियां और हैट आदि होली के दौरान लोगों... Read more
‘नैनीताल समाचार’ का होली अंक सदा से ही संग्रहणीय रहा है। अब जबकि कुमाउंनी होली का तेजी से शरण हो रहा है या वह व्यावसायिकता की ओर उन्मुख हो रही है, उसे संरक्षित करना और भी ज्यादा... Read more
डॉ. योगेश धस्माना उत्तराखण्ड में अंग्रेजी शासन के आगमन (1815) के बाद अल्मोड़ा और पौड़ी की पहचान दो प्रमुख सांस्कृतिक केन्द्रों के रूप में उभरी। गढ़वाल और कुमाऊँ के दो सम्भागों में फैला उत्तराखण... Read more
देहरादून होली की शान थे दीवान सिंह कुमैय्या फोटोग्राफर डॉ. अतुल शर्मा हमें प्रसिद्ध फोटोग्राफर स्व.दिवान सिंह कुमैया जी की बहुत याद आती है, खास तौर पर होली के अवसर पर, हम उस समय फालतू लाइन क... Read more
अरुण कुकसाल हम थैं द्यावा होली कू दान, तुम थैं द्ययालू श्रीभगवान ’हमें होली का दान दो, आपको श्रीभगवान देंगे’ देर रात तक तल्ली-मल्ली चामी से हारमोनियम और ढोलक की आवाज हम बच्चों को सुनाई देती... Read more
डॉ मोहम्मद आरिफ़ दीवाली का जश्न पौराणिक के साथ-साथ भारतीय संस्कृति की विरासत का भी प्रतीक है. शास्त्रों में भी इसे मान्यता भी प्राप्त है और इस त्योहार का मूल तत्व बुराई पर अच्छाई की विजय है.... Read more
संजय चौहान सीमांत जनपद चमोली की नीती घाटी इन दिनों लाता की मां नंदा के लोकोत्सव में डूबी हुई है। चारों ओर मां नंदा के जयकारों की गूंज सुनाई दे रही है। नीती घाटी के घर-गाँवों की पगडंडी और चौक... Read more
हरिशंकर परसाई गंगा स्नान ही नहीं, साधारण स्नान के बारे में भी बड़ा अंधविश्वास है । जैसे यही, की रोज़ नहाना चाहिए – गर्मी हो या ठंड । क्यों नहाना चाहिए ? गर्मी में नहाना तो माफ़ किया जा... Read more