डॉ. भूपेंद्र बिष्ट बटरोही जी की आरंभिक कहानियों में से एक कहानी है “दिवास्वप्न”. उसमें बीमार दादा को देखने गांव लौट रहे उत्प्रवासी युवक का मानना रहा कि दादा कभी बीमार नहीं पड़ सक... Read more
हिमांशु जोशी लोकतंत्र को जिंदा रखने के लिए यह भी जरूरी है कि उससे बार-बार सवाल किए जाते रहें। चार खण्डों में बंटी इस किताब की शुरुआत क्रमशः भूमिका, आमुख, क़ानूनविद की नज़र और लेखकीय के साथ होत... Read more
कमलेश जोशी नए साल की पहली पुस्तक के रूप में शुरुआत कवि, लेखक व नवाचारी शिक्षक महेश पुनेठा के नए कविता संग्रह “अब पहुँची हो तुम” से कर रहा हूँ. समय साक्ष्य प्रकाशन से प्रकाशित यह संग्रह उन त... Read more
हिमांशु जोशी किताब आधुनिक भारत का सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज बन गई है, जो समाज को उसकी सच्चाई दिखा समाज के बनावटी मुंह पर तमाचा भी है. गुलज़ार साहब की कुछ चंद लाइनों से शुरू हुई ये किताब आपको इ... Read more
डॉ. नंद किशोर हटवाल बचपन से लेकर जवानी के दिनो तक हम गौचर कस्बे को मेले के लिए जानते थे। गौचर-पानाई का समतल, सेरे (तलाऊ जमीन), विद्यालयी शिक्षा बोर्डपरीक्षा का मूल्यांकन केन्द्र, जिला शिक्षा... Read more
नवीन जोशी कभी लखनऊ के गिरि विकास अध्ययन संस्थान की शोध परियोजनाओं के लिए उत्तराखंड के दूरस्थ क्षेत्रों की यात्रा पर गए अरुण कुकसाल अब पक्के पहाड़ी घुमक्कड़ हैं। पहाड़ के गांवों से उन्हें बहुत प... Read more
नवीन जोशी हाल ही में प्रकाशित अपनी किताब ‘ये मन बंजारा रे’ (सम्भावना प्रकाशन, हापुड़) में गीता गैरोला ने एकाधिक बार लिखा है कि ‘पहाड़ों से ऊर्जा लेने और रूटीन ज़िंदगी की ऊब खत्म करने के लिए’ वे... Read more
चन्द्रशेखर तिवारी हाल ही के वर्षो में ’बाटुइ’ शीर्षक से प्रकाशित कविता संग्रह कुमांउनी साहित्य में रुचि रखने वालों लोगों के लिए एक नायाब कृति के रुप में उभर कर आई है। वरिष्ठ रचनाकार ज्ञान पं... Read more
डॉ. सुशील त्रिवेदी हरिसुमन बिष्ट उत्तराखण्ड के शीर्षस्थ साहित्यकार हैं। उनके उपन्यास, कहानी, नाटक और यात्रा वृतांत पूरे हिन्दी क्षेत्र में अपनी मिट्टी की सुगंध बिखेरते हैं और जल के कल-कल निन... Read more