ये किताब हिमालय में रहने वाली राजी जनजाति की परंपरागत जीवन शैली की अंतिम सांसे गीनने और उनकी पहचान मिटने की कहानी है। तीसरे खण्ड में इसकी कहानी बहुत तेज़ी के साथ बढ़ती लगती है, उसे पढ़ते पाठक ऐ... Read more
नैनीताल समाचार मार्च, अर्थात महिला दिवस से कुछ ही पहले डाक से एक किताब मिली, ‘अंकित होने दो उनके सपनों का इतिहास’। शीर्षक के ठीक नीचे, छोटे-छोटे अक्षरों में लिखा था ‘उत्तरा... Read more
दीपिका 11वीं, नानकमत्ता पब्लिक स्कूल ‘जूठन’ सोने के बर्तन में भी कोई तवज्जों नहीं पा पाती। अजीब विडंबना है, यह जूठन सिर्फ अवशिष्ट खाना नहीं बल्कि हयात भी हो सकती है। ऐसी हयात जिस... Read more
समाचार डैस्क ‘पार्वती , शिव की अर्धांगिनी नहीं , पार्वती का अर्थ पहाड़ों की ऊर्जा बनाए बचाए रखने वाली पहाड़ की महिलाओं से है। ‘पार्वती ‘ शेखर जोशी द्वारा रचित एक कविता संग्... Read more
दिनेश कर्नाटक सरकारी क्षेत्र को लेकर हमारे समाज में प्रायः नाराजगी देखी जाती है। यह नाराजगी कई रूपों में पाई जाती है। जो लोग सरकारी क्षेत्र में हैं, उनके पास सरकारी क्षेत्र की इस अव्यव... Read more
कृति अटवाल ( 11वीं ) नानकमत्ता पब्लिक स्कूल मनुष्य प्रजाति के जैविक इतिहास और उसके द्वारा बनाई गई तमाम सारी संस्थाओं की तुलना में स्कूल एकदम नई संस्था हैं। ये मानव इतिहास की सामाजिक पैदावार... Read more
नवीन जोशी प्रयाग जोशी उत्तराखण्ड के विरले लोक-अध्येता हैं। विरले इसलिए कि उन्होंने ‘लोक’ का अध्ययन लोक के बीच जाकर और जीकर किया है। 1966 में एम ए करने के बाद जब वे पुरौला (उत्तरकाशी) इण्टर क... Read more
भास्कर उप्रेती दीप भट्ट को आपने ‘अमर उजाला’ के ‘रंगायन’ फीचर पृष्ठ पर खूब पढ़ा होगा. वह लम्बे समय तक ‘हिंदुस्तान’ के लिए फिल्म जगत की पत्रकारिता करते रहे.... Read more
डॉ. भूपेंद्र बिष्ट बटरोही जी की आरंभिक कहानियों में से एक कहानी है “दिवास्वप्न”. उसमें बीमार दादा को देखने गांव लौट रहे उत्प्रवासी युवक का मानना रहा कि दादा कभी बीमार नहीं पड़ सक... Read more
हिमांशु जोशी लोकतंत्र को जिंदा रखने के लिए यह भी जरूरी है कि उससे बार-बार सवाल किए जाते रहें। चार खण्डों में बंटी इस किताब की शुरुआत क्रमशः भूमिका, आमुख, क़ानूनविद की नज़र और लेखकीय के साथ होत... Read more