प्रयाग पांडे राजनीति चंचल होती है। यहाँ स्थायित्व नहीं होता। हार- जीत चुनावी राजनीति का अहम हिस्सा है। यही लोकतंत्र को प्राणवान और जीवंत बनाता है। सियासी दलों और नेताओं को लोकप्रियता, विश्वस... Read more
राजीव लोचन साह पर्यटन और तीर्थाटन उत्तराखंड के लिये विनाशकारी हो गये हैं। दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि इस तथ्य को न तो प्रदेश सरकार समझ रही है और न ही पर्यटन से किंचित भी लाभ लेने वाला बेहद सामान... Read more
(मनीष सिंह की वॉल से) आपसे चार्ली चैप्लिन मिलना चाहते है बापू.. – कौन चार्ली चैप्लिन.. ?? गांधी फिल्में नही देखते थे। तो किसी ने बताया – जोकर है एक!!! दूसरे ने टोका – नही ब... Read more
राजीव लोचन साह यह अंक आपके हाथ में पहुँचने तक 2024 के लोकतंत्र का महापर्व समाप्त हो गया होगा और एक नयी सरकार सत्तारूढ़ हो रही होगी। भाजपा के चरम आत्मविश्वास से भरे ‘अब की बार चार सौ पार’ के न... Read more
जयसिंह रावत पहले समाचार या विचार अखबारों में पढ़े जाते थे, फिर समाचार आकाश से आकाशवाणी के रूप में लोगों के कानों तक पहुंचने लगे। बाद में टेलिविजन का जमाना आया तो लोग समाचारों और अपनी रुचि के... Read more
नवीन जोशी सितम्बर 2008 में शेखरदा (प्रोफेसर शेखर पाठक) ने प्रसिद्ध छायाकार एवं पर्वतारोही अनूप साह तथा संवेदनशील छायाकार प्रदीप पाण्डे के साथ उच्च हिमालय के एक दुर्गम मार्ग गंगोत्री-कालिंदीख... Read more
आयशा शिक्षा का अर्थ क्या है ?? बच्चों पर दबाव ? बच्चों को सुसाइड करने की सोचने पर मजबूर करना ?और शायद सुसाइड कर भी देना !!.. डिप्रेशन में जाना ? जिन्दगी को जीना नहीं बल्कि जिन्दगी को काटना?... Read more
जयसिंह रावत उत्तराखण्ड हिमालय स्थित चारों धामों में यात्रा की शुरुआत में ही जिस तरह श्रद्धालुओं की अप्रत्याशित भीड़ उमड़ रही है उसे देखते हुये अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल पर्यावरणीय दृष्ट... Read more
जगमोहन रौतेला गढ़वाल रैजीमेंट का मुख्यालय है लैंसडौन (जिसे लैंसडाउन भी कहा और लिखा जाता है)। देवदार व बाँज के पेड़ों से ढका और घिरा लैंसडौन बहुत खूबसूरत पहाड़ी कस्बा है। इसका अधिकतर हिस्सा क... Read more
कविता मैठाणी भट्ट यूं तो एक दिन सबको इस नश्वर शरीर को छोड़कर, इस संसार से चले जाना है, पर कुछ लोगों का जाना यूं लगता है जैसे बहुत कुछ रीत सा गया हो। प्रिय भुला मृत्युंजय का जाना भी बहुत क... Read more