मयंक सक्सेना चिंटू जिस जुलूस की भीड़ में जनवरी की उस सर्द दोपहर, नारे लगाता हुआ चल रहा था – उसमें वो अद्भुत जोश और ताक़त महसूस कर रहा था। चिंटू के एक हाथ में तलवार थी, नंगी तलवार..और दू... Read more
अमित श्रीवास्तव मुझे नाम याद नहीं रहते. दो-तीन साल पहले ‘दि हिन्दू’ के एक आर्टिकल में उस रिटायर्ड मुख्य सचिव और उसके सहयोगी कर्मचारी का क्या नाम था, मुझे याद नहीं. धुंधली सी याद... Read more
राजेन्द्र भटृ नक्कारखाने में तूती – 6 लंबे अंतराल तक किसी अनिष्ट की आशंका जैसी जड़ता-हताशा मन पर छाई थी। मित्र लोगों की प्रेरणा, दिलासों और फिर थोड़ा चिढ़े हुए उलाहनों के बावजूद नहीं टूटी; ... Read more
इस्लाम हुसैन विगत 9 दिसम्बर को गरुड़ वाले चाचा आ गए ,चाची को साथ लेकर। हम उन्हें गरुड़ वाले चाचा कहते हैं। दरअस्ल वह गरुड़ और डंगोली के बीच कोटफुलवारी गांव में रहते हैं जहां प्रसिद्ध कोट... Read more
असग़र वजाहत Translated into English by Dinesh Doctor 22.11.2019 एक दिन गधा बोलने लगा।उसने लोगों से कहा – ये जो तुम लोग बोलते हो, ये भाषा ही नहीं है।मैं जो बोलता हूं वही भाषा है। कुछ लोग... Read more
राजशेखर पंत पहाड़ों की विरल आबादी वाले भूगोल से फेरी वालों का रिश्ता कभी बहुत गहरा नहीं रहा है. इनकी आवाज़ को अनसुना करना प्रायः इतना आसान नहीं होता. संयोग से अगर इस आवाज़ में अमीन सायानी के अं... Read more
डाॅ. अरुण कुकसाल प्रेमचंद, गोर्की और लू शुन तीन महान साहित्यकार, कलाकार और चिंतक। जीवनभर अभावों में रहते हुए अध्ययन, मनन, चिन्तन और लेखन के जरिए बीसवीं सदी के विश्व-साहित्य के युगनायक बने। ए... Read more
असग़र वजाहत बूढ़ी औरत को जब यह बताया गया कि उसके पोते सलीम की ‘लिंचिंग’ हो गई है तो उसकी समझ में कुछ न आया। उसके काले, झुर्रियों पड़े चेहरे और धुंधली मटमैली आंखों में कोई भाव न आय... Read more