हिमांशु जोशी 16 साल में अमर उजाला पर प्रकाशित स्टोरी से अपने कैरियर की शुरुआत करने वाले विनोद कापड़ी ने इस वृतचित्र में अपने पत्रकारिता और फिल्मी कैरियर का पूरा अनुभव झोंक दिया है। Can’... Read more
गजेन्द्र रौतेला फ़िल्म निर्माण -एक भरपूर संभावनाओं से भरा हुआ उदासीन क्षेत्र । (भाग-1) लम्बे समय तक लॉकडाउन में घर में कैद रहने के बाद जब उत्तराखण्ड में राज्य के भीतर कहीं भी आवाजाही की छूट म... Read more
हरीश कंडवाल आने वाले भविष्य में 21वीं सदी के साल 2020 को हमेशा इतिहास के पन्नों में याद किया जायेगा। इस 21वीं सदी की एक ऐसा साल जिसमें पूरी दुनिया में दहशत का माहौल बना रहाए दुनिया में कोरोन... Read more
गजेन्द्र रौतेला बच्चों के खेल जो जीवन जीने की कला सिखाते हैं। बचपन जीवन के सबसे अहम और खूबसूरत पड़ाव में माना जाता है। जो हमारे जीवन की बुनियाद को गढ़ती है। आज के इस तकनीकी और एकाकी जीवन के दौ... Read more
केशव भट्ट कोरोना में शुरूआत में जब लॉकडाउन 31 मार्च तक किया गया तो उन दिनों हर परिवार में हर किसी ने अपनी तीखी जीभ को दांतों के भीतर लॉकडाउन कर चमकीले नुकीले दांत दिखाने शुरू कर दिए. घर—परि... Read more
गजेंद्र रौतेला समस्याएं या यों कहें कि आपदाएं हमारे जीवन के कुछ अनचाहे हिस्से से हो चले हैं ।जो हमारे सामाजिक आर्थिक जीवन की कई परतों को भी खोलते चले जाते हैं। 22 मार्च से कोविड-19 के चलते ज... Read more
संजय चौहान सपना वह नहीं जो हम नींद में देखते हैं, बल्कि सपना वो है जो आपको सोने नहीं देता… देश के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की कही गयी उक्त पंक्तियों को सीमांत जनपद चमोली के ग... Read more
सुशील उपाध्याय अब से दो महीने पहले सामाजिक स्तर पर कोरोना को लेकर जो डर मौजूद था, वह डर अब नहीं दिखाई दे रहा है। विरोधाभासी बात यह है कि एक ओर कोरोना पीड़ित लोगों की संख्या बढ़ रही है और दूस... Read more
अमित श्रीवास्तव मुझे नाम याद नहीं रहते. दो-तीन साल पहले ‘दि हिन्दू’ के एक आर्टिकल में उस रिटायर्ड मुख्य सचिव और उसके सहयोगी कर्मचारी का क्या नाम था, मुझे याद नहीं. धुंधली सी याद... Read more
रमदा व्यक्ति हो या देश समस्याओं की गैरमौज़ूदगी संभव बात नहीं है, छोटी या बड़ी कोई न कोई उलझन, समस्या या कष्ट लगा ही रहता है। ऐसी ही अपनी किसी समस्या या उलझन के दौरान जब बड़े बुझे से स्वर में मे... Read more