विनीता यशस्वी
उत्तराखंड के चर्चित अंकिता हत्याकांड को हुए एक महीने से ज्यादा का समय हो गया है और अब अंकिता के न्याय की लड़ाई उत्तराखंड हाईकोर्ट में आ गयी है। अंकिता को न्याय दिलाने के लिये 15 अक्टूबर 2022 को आशुतोष नेगी ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में रिट दायर की। 20 अक्टूबर 2022 को आशुतोष नेगी की रिट पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस संजय मिश्रा की एकलपीठ ने प्रथम दृष्टया एस.आइ.टी. की जांच से असंतुष्ट होते हुए, स्थानीय विधायक रेणु बिष्ट द्वारा क्राइम सीन वनंतरा रिसॉर्ट तुड़वाने का संज्ञान लिया और एस.आई.टी. से संपूर्ण केस डायरी के साथ स्टेटस रिपोर्ट तलब करने को कहा और अगली सुनवाई की तारीख 3 नवम्बर 2022 तय की।
3 नवम्बर 2022 को उत्तराखंड हाइकोर्ट में आशुतोष नेगी द्वारा दायर याचिका में फिर से सुनवाई की गयी। सुनवाई के बाद जस्टिस संजय मिश्रा की एकलपीठ ने एस.आई.टी. को लिखित रुप से यह बताने को कहा कि – क्या रिसोर्ट के जिस हिस्से को बुलडोजर द्वारा ध्वस्त किया गया उसकी फॉरेंसिक जाँच की गयी थी ? जवाब में एस.आई.टी. प्रमुख पी. रेनुका ने हाँ कहा तो जस्टिस संजय मिश्रा ने उनसे फॉरेंसिक जाँच की रिपोर्ट हाईकोर्ट के समक्ष उपलब्ध करवाने के लिये कहा। अदालती कार्यवाही में एस.आई.टी. के महाधिवक्ता ने आशुतोष नेगी पर अंकित के नाम से ‘क्राउड फंडिंग’ करने का आरोप लगाया। इसके जवाब में आशुतोष नेगी द्वारा स्पष्ट किया गया कि वो ये फंडिंग इसलिये इकट्ठा कर रहे थे ताकि अंकिता के न्याय की लड़ाई को आगे बढ़ाया जा सके। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि जब से उनके ऊपर इस तरह के आरोप लग रहे हैं तब से उन्होंने क्राउड फंडिंग करना बंद कर दिया और अब तक इकट्ठा 49 हजार रुपये में 1 हजार रुपये और मिला के 50 हजार रुपये का चैक वो पूर्व में ही अंकिता के परिवार को सौंप चुके हैं। जस्टिस संजय मिश्रा ने अगली सुनवाई की तारीख 11 नवम्बर तय की है।
इस सुनवाई का वक्त सुबह के करीब 10.30 बजे का था पर तकरीबन 10 बजे से ही कई महिलाओं और अन्य लोगों का हाईकोर्ट में आना शुरू हो गया था। सभी का उद्देश्य यह दिखाना था कि वो अंकिता के परिवार के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़े हैं। जिस वक्त इस केस की सुनवाई चल रही थी उस समय कोर्ट के भीतर भी कई वकील आ गये थे। इस सुनवाई में अंकिता की माँ सोनी भंडारी व पिता विरेन्द्र भंडारी भी हाईकोर्ट में उपस्थित थे। अब आशुतोष नेगी द्वारा दायर याचिका में अंकिता के माता-पिता भी सम्मिलित हो गये हैं।
सुनवाई के बाद हाईकोर्ट परिसर में हुई प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए अंकिता के पिता ने कहा कि – अब उन्हें हाईकोर्ट से ही उम्मीद है कि वो उनकी बेटी को न्याय देंगे। उन्होंने कहा कि अभी तक जो भी जाँच की गयी है उस पर उन्हें बिल्कुल भरोसा नहीं है। उनका मानना था कि रिसॉर्ट में आनन-फानन से बुलडोजर चला देना, अंकिता के कमरे को तोड़ देना और फिर कुछ हिस्सों में आग लगा देना सब साजिश के तहत हुआ है और विधायिका रेणु बिष्ट का इसमें हाथ है। उनको इस बात का भी शक है कि अभी कुछ दिन पहले वनंतरा रिसोर्ट के साथ लगी फैक्ट्री में भी आग साजिश के तहत ही लगाई गयी है क्योंकि जब वहाँ काफी लम्बे समय से बिजली का कनेक्शन ही नहीं है तो शॉर्ट सर्किट कैसे हो गया और इतने लम्बे समय तक बिजली के बगैर इनर्वटर कैसे काम कर रहा था ? उन्होंने यह भी कहा कि वहाँ पुलिस का इतना कड़ा पहरा रहता है इसके बावजूद भी आग कैसे लग गयी ? उन्होंने यह भी कहा कि एस.आई.टी. प्रमुख पी. रेणुका वैसे तो ईमानदार छवि की अधिकारी हैं पर इस केस को लेकर उनके ऊपर भी दबाव है इसलिये उनको किसी भी जाँच पर कोई भरोसा नहीं है और वो सी.बी.आई. द्वारा इस केस कि जाँच की माँग कर रहे थे।
कोर्ट रुम से बाहर निकल कर अंकिता की माँ अंकिता को याद कर के बेहद भावुक होती रही है और बार-बार कहती रही कि – उनकी बच्ची को इस तरह से मारने वालों को फांसी की सजा ही होनी चाहिये। प्रेस वार्ता के दौरान ही वो हाईकोर्ट परिसर में जोर-जोर से रोने लगी और अपनी बेटी के लिये हाईकोर्ट से न्याय की मांग करने लगी। उन्होंने कहा – मैं यह सोच के आयी थी कि जज साब आज मुझसे बात करेंगे तो मैं उन्हें सब कुछ बताऊँगी और उनसे अपनी बेटी के लिये न्याय मागूँगी। वो बार-बार कहती रही – अंकिता ने हमारे लिये कितने सपने देखे थे और उन सपनों को पूरा करने के लिये ही वो नौकरी करना चाहती थी। अंकिता हमेशा कहा करती थी कि मैं अब आप लोगों को और दुःख नहीं झेलने दूँगी। उन्होंने रोते-रोते कहा – अंकिता अभी भी खयालों में रहती है और मैं रात को सो भी नहीं पाती हूँ। अंकिता हमसे कहती थी जैसे आप दोनों ने मुझमें और भाई में कभी कोई अंतर नहीं रखा वैसे ही मैं भी हमेशा आप दोनों का खयाल रखूँगी। कोर्ट परिसर में भी सब लोग अंकिता की माँ के इस तरह फफक-फफक के रोने से भावुक हो गये और उनको ढाढस बंधाते हुए कहते रहे कि – हम सब उनके साथ हैं।