अतुल सती
सुनने में आ रहा है कि हेमकुंड में हैलीपैड का कार्य शुरू हो गया है । जोशीमठ से 15 किलोमीटर आगे बद्रीनाथ रोड़ पर से 16 किलोमीटर पैदल चढ़ाई पर,हेमकुंड समुद्रतल से 16 हजार फीट की ऊंचाई पर है । यहां सिक्खों का गुरुद्वारा होने के साथ हिंदुओं का मंदिर भी है । यहां प्रतिवर्ष 3 से 4 लाख सिक्ख तीर्थयात्री आते हैं । ठीक इसी मार्ग पर कुछ नीचे विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी है । यह संरक्षित क्षेत्र है । यूनेस्को की विश्वधरोहर सूची में है ।
हैलीपैड बनने का अर्थ प्रकृति की इस शांत व बेहद सुन्दर घाटी को कोलाहल से भर देना है । यह शुरुआत होगी और उसके बाद यह सिलसिला यहीं नहीं रुकेगा । पहले गोविंदघाट में भी एक ही से शुरू हुआ था । हेमकुंड से नीचे एक हैलीपैड घांघरिया में है ही । तब इसकी क्या जरूरत है ?
एक स्थानीय निवासी जो वर्षों से इस क्षेत्र के संरक्षण के प्रति चिंतित रहे हैं, बताते हैं कि, जहां यह हैलीपैड बन रहा है वहीं पर ब्लू पॉपी होती हैं। जो प्रकृतिप्रेमियों पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण रहता है । यहीं पर ब्रह्म कमल होते हैं । जो दूसरा सबसे बड़ा आकर्षण है। हैलीपैड बनने की प्रक्रिया में जब खुदाई होगी तो यह सब समाप्त हो जाएंगे ।
सितम्बर-अक्टूबर में बहुत से प्रकृति प्रेमी,बर्ड वॉचर यहां पक्षियों को देखने आते हैं । जो कुछ विशिष्ट पक्षी इसी ऊंचाई पर यहां मिलती हैं । हैलीकॉप्टर का ध्वनिप्रदूषण इस संभावना को समाप्त कर देगा । इस क्षेत्र के लोग व्यवसायी दृष्टि सम्पन्न लोग हैं । यदि यह प्रकृति यह खूबसूरती नहीं रहेगी तो यहां का आकर्षण भी समाप्त हो जाएगा । और जब हैलीकॉप्टर होगा तब कौन रात्रि विश्राम को यहां रुकेगा । 2013 की आपदा में इस घाटी का एक पूरा गांव भ्यूंडार बह गया था । बहुत क्षति इस क्षेत्र में हुई थी । प्रकृति के साथ छेड़छाड़ पुनः ऐसी और भी आपदाओं के लिए इस क्षेत्र को संवेदनशील बना देगी ।
यह पूरा क्षेत्र नन्दादेवी पार्क क्षेत्र का हिस्सा है । प्राकृतिक संरक्षण की दृष्टि से यहां सामान्य जन पर बहुत से प्रतिबंध हैं । यहां तक कि चरान चुगान तक पर भी प्रतिबंध लगा दिए गए । जंगली संरक्षित पशुओं को हानि न हो उसके लिए भी बहुत से कठोर नियम लागू हैं । नैनीताल उच्च न्यायालय ने तो उच्च हिमालयी क्षेत्रों में रात्रि विश्राम तक पर प्रतिबंध लगा दिए थे । ऐसे में इतनी ऊंचाई पर जहां पहले ही पर्यटकों तीर्थयात्रियों का दबाब रहता है,हैलीपैड का निर्माण कर वहां और अधिक अतिरिक्त प्रदूषण का इंतजाम करना खतरनाक है । यह इस क्षेत्र को पूरी तरह तबाह कर देने के सिवा कुछ नहीं है । इसे रुकना चाहिए ..!
फोटो : इंटरनेट से साभार