अनिल अश्विनी शर्मा इला भट्ट नहीं रहीं। यह खबर सुनते ही दिमाग में बात आई “सेवा” वाली इला भट्ट। एक स्त्री की अस्थि-मज्जा जब गांधीमय हो जाती है तो उसका नाम इला भट्ट ही हो सकता है। महात्मा गांधी... Read more
प्रमोद साह महात्मा गांधी एक व्यक्ति से अधिक एक विचारधारा हैं । 30 जनवरी 1948 भारत के इतिहास में वह काला दिन है जब सांप्रदायिक सौहार्द, प्रेम तथा अहिंसा के विश्वव्यापी विचार के ऊपर, बंग-भंग स... Read more
विवेकानंद माथने गांधी के शब्दों में ईश्वर सर्वशक्तिमान है। उसे कोई चीज जमा करके रखने की जरुरत नही। वह हर दिन सृष्टि करता है। इसलिये मनुष्य को भी सिद्धांतत: आजकी ही फिक्र करनी चाहिये और कलकी... Read more
प्रमोद साह भारत छोड़ो आंदोलन 9 अगस्त 1942 ! राष्ट्रीयता स्वतंत्रता आंदोलन संघर्ष में गांधी अपना तीसरा बड़ा आंदोलन शुरू करने की तैयारी में थे , उनकी स्मृति में प्रथम विश्वयुद्ध की समाप्ति के... Read more
राजीव लोचन साह महात्मा गांधी के 1929 के दौरे से ही ब्रिटिश सरकार चैकन्नी हो गई। उसे लगने लगा कि गोविन्दनगर ताकुला बगावत का एक नया केन्द्र बनने जा रहा है। जैसा कि गोविन्द लाल साह सलमगढ़िया ने... Read more
पुरुषोत्तम शर्मा पुस्तक समीक्षा 1920 से 1928 के बीच अवध के दो महान किसान नेताओं बाबा रामचंद्र और मदारी पासी के नेतृत्व में चले किसान संघर्षों के बारे में एक किताब को देखना और पढना मेरे जैसे... Read more