ए. के. अरुण इन पंक्तियों के लिखे जाने तक दुनिया भर में कोरोना वायरस रोग (सीओवीआईडी-19) से लगभग छ्ह लाख से भी ज्यादा लोगों संक्रमित हो चुके हैं और 30800 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। अब... Read more
कमलेश जोशी वर्षों से बहस चली आ रही है कि प्रकृति में जहर घुलता जा रहा है. प्रदूषण की समस्या बढ़ती जा रही है. पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है. जंगलों की कटाई के साथ-साथ आग लगने की घटनाएँ बढ़ रही... Read more
अमित श्रीवास्तव कैलेंडर उठाइये, थोड़ा विस्तार से समझते हैं. जनता कर्फ्यू को बहुत प्रभावी न मानते हुए ये मान लेते हैं कि 25 मार्च से देश में लॉक डाउन हुआ. अब कल्पना करें कि 25 तक ही कोरोना से... Read more
-इन्द्रेश मैखुरी कोरोना के कहर ने दुनिया में नए तरह के भूमंडलीकरण का मंजर पैदा किया है. यह भूमंडलीकरण है लॉकडाउन का ! ब्रिटेन के अखबार गार्डियन के अनुसार दुनिया की 20 प्रतिशत आबादी लॉकडाउन... Read more
कैप्टन सिंह आंकड़ों के लिहाज से समझें तो भारत के कुल श्रम का 94% का कोई हिसाब नहीं है आबादी के लिहाज से समझें कुल कामकाजी मजदूरों में जो कृषि डेरी खदान और फैक्ट्रियों में काम करते हैं का कोई... Read more
चन्द्रशेखर जोशी जैसे सरकारी तंत्र को तोड़ना कठिन, वैसे ही वायरस का जटिल रासायनिक बॉड नष्ट करना भी मुश्किल है। समाज की बुद्धि बिगड़े तो तंत्र पर अपराधी काब्जा कर लेते, गर प्रकृति चक्र बदले तो... Read more
राजशेखर पंत सुबह उठ कर दाढ़ी बनाना एक रूटीन प्रक्रिया है. हम इसके बारे में ज्यादा नहीं सोचते. पांच, सात या दस-बीस रुपये में डिस्पोजेबल रेजर की कई किस्में बाज़ार में कहीं भी मिल जाती हैं और हफ्... Read more
उत्तराखंड में लोग अपने स्तर पर वृक्षारोपण कर जलवायु परिवर्तन से निपटने का इंतजाम करते हैं। फोटो: त्रिलोचन भट्ट उत्तराखंड में गर्मियों के तापमान औसतन 4 डिग्री सेल्सियस तक की बढ़ोत्तरी हो गई ह... Read more
Photo credit: Flickr अमेरिकी राष्ट्रपति के भारत दौरे पर उनकी बौद्धिक संपदाओं पर होने वाली संभावित मांग को लेकर कई चिंताएं हैं लाथा जिस्नू दो विरोधाभाषी हितों वाले देश के राष्ट्राध्यक्षों के... Read more
तारा चन्द्र त्रिपाठी 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ था. इन 68 सालों में हम अजाद हो गये हैं. हमारी संसद हुड़दंगियों के जमावड़े में बदल गयी है और इसका कारण है हमारी मूल्यहीन राजनीति. हमारी मूल्... Read more