मदन मोहन बिजल्वान
आज भारतीय रंगमंच के दिग्गज नायक विश्व मोहन बडोला की पहली पुण्यतिथि है, रंगमंच के यह दिग्गज कलाकार एक वर्ष पूर्व खामोशी से नेपथ्य में चले गए। बडोला जी ने रंगमंच के बेताज बादशाह ओमशिवपुरी, ब्रजमोहन शाह, सुधा शिवपुरी, रामगोपाल बजाज, राजेन्द्र नाथ और मोहन उप्रेती जैसे महान कलाकारों के साथ काम किया।
1936 में पौड़ी के द्वारीखाल ब्लॉक ग्राम ठठोली गांव में जन्मे विश्व मोहन बडोला ने प्रारंभिक शिक्षा के बाद 1962 में दिल्ली विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में बीए ऑनर्स किया। इसके बाद वह वॉयस ऑफ अमेरिका रेडियो से जुड़े। टाइम्स ऑफ इंडिया के लखनऊ संस्करण के संपादक रहने के अलावा वह टीवी, रंगमंच और फिल्मों के मंझे हुए कलाकार थे। विश्व मोहन बडोला थिएटर में काफी सक्रिय रहे। उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो के लिए करीब 400 नाटकों में काम किया था।
विश्व मोहन बडोला ने अक्षय कुमार की फिल्म जॉली एलएलबी-2 में एक यादगार रोल निभाया था। उन्होंने स्वदेश, मुन्ना भाई एमबीबीएस, जोधा-अकबर, लेकर हम दीवाना दिल, प्रेम रत्न धन पायो, मिक्की वायरस, मिसिंग, जलपरीः द डेर्जट मरमेड समेत कई फिल्मों में बेहतरीन अभिनय किया। आखिरी बार उन्हें मनोज वाजपेयी और तब्बू की फिल्म मिसिंग में देखा गया था। वह 1965 से 1993 तक विभिन्न प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं और दूरदर्शन के जरिये पत्रकारिता से जुड़े रहे।
दिल्ली की सर्वाधिक सक्रिय संस्था दिशांतर से लेकर अभियान, रूचिका और पर्वतीय कला केंद्र जैसे प्रमुख नाटक समूहों के साथ विश्व मोहन बडोला ने लगभग 40 साल बतौर अभिनेता काम किया। उन्होंने मोहन राकेश का ‘आषाढ़ का एक दिन’, विजय तेंदुलकर का ‘खामोश अदालत जारी है’, मौलियर का ‘कंजूस’ से लेकर अल्बर्ट कामू का ‘कालिगुला’ जैसे महत्वपूर्ण नाटकों में यादगार अभिनय किया।
रंगमंच की महान हस्ती विश्व मोहन बडोला जी को उनकी पहली पुण्यतिथि पर याद करते हुए सादर नमन एवं विनम्र श्रद्धांजलि।