बिमल नेगी
उमेश डोभाल स्मृति ट्रस्ट द्वारा टूस्ट के संस्थापक और जनसरोकारों हेतु समर्पित रहे राजेन्द्र रावत राजू की 14 वीं पुण्य स्मृति को समारोहपूर्वक मनाया गया। इस मौके पर आयोजित वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली व्याख्यानमाला में बोलते हुए मुख्य वक्ता जानमाने लोकगायक व संस्कृतिकर्मी अनिल विष्ट ने कहा कि सामूहिक प्रयासों से ही लोक संस्कृति का संरक्षण हो सकता है।। ‘लोकसंस्कृति के सरोकार’ विषय पर बोलते हुए श्री बिष्ट ने चिन्ता जाहिर की कि आज पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव में हमारी संस्कृति को गलत स्वरूप में परोसने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है। इसलिये यह हमारे समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम सब इसके संरक्षण और संवर्द्धन के लिये आगे आयें और अपनी संस्कृति को सही दिशा देने हेतु निरन्तर प्रयासरत रहें। उन्होने कई गीतों के माध्यम से अपनी समृद्ध सांस्कृति विरासत का परिचय दिया और नई पीढ़ी को इसे आगे बढ़ाने का आवाहन किया। इतिहासविद् डॉ० योगेश धस्माना ने राजू भाई के बहुआयामी व्यक्तित्व का जिक्र करते हुए उन्हें जनसरोकारों के लिये समर्पित बताया। ट्रस्ट के कार्यकारी अध्यक्ष बिमल नेगी, कोषाध्यक्ष सुरेन्द्र रावत, महासचिव आशीष नेगी, संस्कृतिकर्मी मनोज रावत अंजुल, वीरेन्द्र खंकरियाल आदि ने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि लोकगायक अनिल विष्ट को अंगवस्त्र व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। ट्रस्ट द्वारा आयोजित राजेन्द्र रावत स्मृति निबन्ध प्रतियोगिता के श्रेष्ठ प्रतिभागियों को भी कार्यक्रम में पुरस्कृत किया गया। संचालन साहित्यकार वीरेन्द्र खंकरियाल ने किया। समारोह में नागरिक कल्याण एवं जागरूक समिति के अध्यक्ष रघुवीर रावत, सचिव गब्बर सिंह नेगी, साहित्यकार महेशानन्द, डॉ० एम० एम० नौडियाल, ट्रस्टी रवि रावत, प्रदीप रावत, अर्जुन नेगी, विकास बड़थ्वाल, विनय शाह, नवीन मियाँ, धर्मवीर रावत, यमुनाराम, कृपाल रावत, स्वपनिल धरमाना, अग्निमित्र, आशीष मोहन नेगी आदि विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े अनेक लोग सम्मिलित हुए।