लवजीत सिंह
कक्षा 11, नानकमत्ता पब्लिक स्कूल
कक्षा 11, नानकमत्ता पब्लिक स्कूल
फसल लगाई गई थी ,6 महीने बाद फसल कटने को आ गई, अब टाईम आ गया है। जब किसानों ने फसल काटना शुरू करना था। तभी बारिश का मौसम बन गया और लगातार बारिश होने लगी। ऐसा पहले होता था। पर इतना नहीं होता था। कि इतनी बारिश आए और किसानों को बर्बाद कर दे। इस साल की तरह पिछले साल भी किसानों की फसल बर्बाद हो गई थी। परंतु इस बात को वही समझ सकता है जो किसानों की समस्या समझता हो। मेरे घर वाले भी किसान है इसलिए मैं इस बात को समझ सकता हूं। आप लोग देख सकते हैं कि एक साल जब किसानों ने आंदोलन करा फिर भी ना मानी गई किसानों की। आप लोग यह भी देख सकते हैं ना सरकार साथ देती है और ना ही मौसम साथ देता है किसानों का।
चलो इस बात को तो छोड़ ही देते हैं। आप लोग भी देख सकते हैं ।बारिश के कारण क्या हाल हो रहा है ।आपका भी और किसानों का भी। हम अब भी देख सकते हैं ।कि बारिश के कारण किसानों को तो बर्बादी मिली ही मिली, परंतु आम लोग हैं। उनको भी जैसे कि किसी के घर में पानी आ गया ,और किसी के घर पानी में बह गए। इतनी भयंकर बारिश के कारण फसल बर्बाद हो गई। मैं कुछ किसानों की बात करूं ,तो जैसे कि मैं अपने आप को ही ले लेता हूं। मेरे घर वालों ने इतनी मेहनत करके भी कुछ नहीं पाया किसानी से ,फिर भी वह किसानी करना चाहते हैं। जितना मुझे पता है इतना बता सकता हूं ,शायद घरवाले यह सोचते होंगे। कि अगर एक घर फसल ना लगाएं तो बहुत से लोग भूखे रहे जाएंगे। क्या पता इसलिए वह किसानी करना चाहते हैं। और अपने खेतों के बारे में बताओ जो मेरी जमीन कुछ चार पांच एकड़ है। फिर भी कुछ फायदा नहीं होता अगर मैं पिछली बार की बात करूं तो हमें तो कुछ फायदा नहीं हुआ क्योंकि बारिश के कारण हमारे पानी से खेत कि फसल डूब गए थी। और कुछ ऐसे ही बर्बाद हो गए।
इसी तरह शायद इस साल भी ऐसा ही हाल हो, बारिश रुकने का नाम ही नहीं ले रही। अभी तक तो मैंने जो देखा वह तो बुरा हाल है। शायद क्या पता जो थोड़ा बचने वाला है। वह भी बर्बाद हो जाए। मैं खालीअपनी बात नहीं कर रहा ,मैं जो भी किसान लोग हैं उन सब की बात कर रहा हूं ।क्योंकि मुझे पता है 6 महीने की मेहनत कुछ ही दिनों में बर्बाद हो जाएगी। बहुत ही बुरा लगता है ऐसा हो जाता है। चलो मैं अपने ही पड़ोसी गांव की बात करता हूं ,तो वहां तो बहुत बुरे हाल हैं। चलो मेरे यहां तो गेहूं की फसल को भी जाएगी ,पर जो मेरे पड़ोसी गांव है। वहां पर बहुत ही मुश्किल से हो पाएगी। पता नहीं वह किसान अब गेहूं लगा, कैसे पाएंगे मुझे तो यह अच्छा नहीं लग रहा की बर्बादी हो गई, सब किसानों की और गरीब लोगों की। अब मौसम भी क्या करें मौसम को हर साल आना होता है और जाना होता है चलो इस साल तो कुछ नहीं हुआ अब अगली बार देखते हैं कि क्या होता है।
फोटो : इंटरनेट से साभार