डा अतुल शर्मा
शक्ति और तकनीक के बीच
दाव पेंच लगाती
दर्शकों की तालियों के बीच
जीत की कहानी लिखती
मंच पर भी और मन पर भी
अंकित
लयबद्ध खेल खेलती
जीत कर
हाथ जोड़ती
बच्चों सी मुस्कान
पकड़ बनाती
समय के मस्तक पर
इतना आसान नही है
यहाँ तक पहुँच जाना
खोलने होते हैं घायल मन के द्वार
जहाँ से लहराता है
जीत का रुमाल
( ओलंपिक: 2024 मे कुश्ती प्रतिस्पर्धा। फाईनल मे फोगाट के बहाने सब के लिए)