2 Comments

  1. 1

    deven mewari

    अभी अचानक यह लेख पढ़ने को मिला। मित्र बटरोही और ‘नैनीताल समाचार’ का बहुत आभार।
    बटरोही से मेरी मुलाकात नैनीताल में डीएसबी कालेज के प्रांगण में एनसीसी की एक परेड के दौरान हुई थी। उसने पूछा था- “तुम देवेन मेवाड़ी हो? कहानियां लिखते हो?” मेरे “हां” कहने पर उसने कहा- “परेड के बाद मिलना।”
    मैं परेड के बाद मिला। उसने कहा- ” मैं भी कहानियां लिखता हूं। मेरी कुछ कहानियां छप भी चुकी हैं। मिलते रहना, हम लोग कहानियों के बारे में बातें करते रहेंगे। एनसीसी में तो मैं ऐसे ही आ गया। छोड़ दूंगा। मुझे तो कहानियां लिखनी है।”
    जल्दी ही हम गहरे दोस्त बन गए। खूब कहानियां पढ़ते, उन पर चर्चाएं करते। मेरी कहानियां भी कहानी, माध्यम, उत्कर्ष आदि साहित्यिक पत्रिकाओं में छपने लगीं। लिखने,पढ़ने और दोस्ती की एक लंबी दास्तान है हमारी।
    याद करने के लिए बहुत प्यार।

  2. 2

    डॉ. भूपेंद्र बिष्ट

    देवेन मेवाड़ी को साहित्य अकादमी बाल पुरस्कार और वनमाली विज्ञान कथा सम्मान मिलने पर पहाड़ प्रफुल्लित है. इस बीच उनकी “छूटा पीछे पहाड़” किताब आ गई तो मुदित भी.
    बटरोही जी ने मेवाड़ी के क्रैंक affiliation का विवरण देकर इस गर्वित प्रकरण को और रोशन कर दिया है.
    अपेक्षा यह है कि क्रैंक्स पर अलग से पूरा लिखा जाय और उसमें एक एक सदस्य ( चित्रकार मोहम्मद सईद भी रहे तो, उन पर भी ) के बारे में विस्तार से बताया जाय.

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