गिरिश मालवीय
……….जी हां बहनो भाइयो यह जो स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे है जिनसे हमारे बिजली के बिल दो से तीन गुना ज्यादा आ रहे है यह घटिया चायनीज मीटर के ही कारण हो रहा है देश भर में यह स्मार्ट मीटर एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लि. (ईईएसएल) द्वारा खरीदे गए है और विभिन्न राज्य सरकारों के विद्युत निगम द्वारा जबरदस्ती उपभोक्ता के माथे मढ़े जा रहे है दरअसल आज पता लगा है कि एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लि. EESL द्वारा उत्तर प्रदेश के लिए खरीदे गए स्मार्ट मीटर इंडोनेशिया नहीं बल्कि चीन की कंपनी के हैं। यह खुलासा उ.प्र. राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने किया है। परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने दावा किया है चीन की कंपनी हेक्सिंग इलेक्ट्रिक कंपनी लि. ने पीटी हेक्सिंग के नाम से इंडोनेशिया में कंपनी खोल रखी है। इंडोनेशिया के नाम पर यह कंपनी टेंडर प्रक्रिया में भाग लेकर ऐसे बड़े टेंडरों पर काबिज होती है। ईईएसएल द्वारा जिस इंडोनेशियाई कंपनी से मीटर खरीदे गए हैं, वह कंपनी मूलत: चीन की है। चीन की कंपनी हेक्सिंग इलेक्ट्रिक कंपनी लि. और पीटी हेक्सिंग टेक्नालाजी का लोगो एक ही है। इससे यह बात प्रमाणित होता है कि पीटी हेक्सिंग मूलत: चीन की कंपनी है।
यह तो लखनऊ में हुआ है लेकिन आप देखे तो यह काम पुरे देश भर में हो रहा है मोदी सरकार की योजना है कि देश में कोई भी मीटर पोस्ट पेड नहीं रह जाएगा। हरेक मीटर बदले जाएंगे चाहे वे मीटर बिल्कुल सही काम कर रहे हो। मीटर को प्री-पेड करने का काम शुरू हो गया है। तीन साल में देश के हर घर का मीटर प्री-पेड हो जाएगा। …….इस योजना के तहत अगले तीन साल में करीब 30 करोड़ स्मार्ट मीटर की जरूरत पड़ेगी प्रारंभिक अनुमान में एक स्मार्ट मीटर पर करीब 2 हजार रुपये का खर्च होगा और सभी स्मार्ट मीटर पर करीब 60 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा…….
यानि देश का 60 हजार करोड़ रुपया सीधे चीन की झोली में जा रहा है उससे वह बेहद घटिया किस्म के चाइनीज मीटर सप्लाई कर रहा है सौभाग्य योजना के तहत EESL ने उत्तर प्रदेश के लिए एक करोड़ प्री-पेड मीटर खरीदे है
स्मार्ट मीटर सप्लाई ठेके चीन की कम्पनियो को तो जा ही रहे है इसके अलावा ईईएसएल ने पिछले साल 50,000 एसी की थोक खरीदारी के लिए टेंडर जारी कर दिया था यह ठेका भी सम्भवतः चीन की कम्पनियो ने ही उठाया है…… EESL इससे पहले एलईडी बल्ब एवं पंखें भी बल्क में चाइना की कम्पनियो से खरीद चुका है। ….जिसमे भी मोदी सरकार बड़ा घोटाला कर चुकी है अब वे तो हमारे गले पड़े ही हुए है कम से कम यह 60 हजार करोड़ के स्मार्ट मीटर की खरीद और 30 -55 हजार के 50 हजार के AC की खरीद का ठेका तो निरस्त किया ही जा सकता है EESL आगे 2 लाख AC खरीदने जा रही है ………रेलवे ने भी आज चीनी कम्पनियो को दिया ठेका निरस्त किया है। ……..