ललित मौर्य ‘डाउन टू अर्थ’ से साभार हम माने या न मानें प्रकृति से हमारे जुड़ाव की अंतिम कड़ी आदिवासी या वो मूल निवासी हैं, जो आज भी प्राकृतिक धरोहर को संजोए रखने में कामयाब रहे हैं। लेकिन कहीं... Read more
डॉ. हरीश चन्द्र अन्डोला चीन अपने आर्थिक लाभ के लिए किसी भी हद तक जा सकता है, ये पूरी दुनिया देख रही है. चीन की नजर हिमालय की बर्फीली चोटियों पर पाई जाने वाली हिमालयन वियाग्रा के नाम से प्रसि... Read more
सुसैन चाको, ललित मौर्या ‘डाउन टू अर्थ’ से साभार सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि सार्वजनिक परियोजनाओं के लिए काटे जाने वाले पेड़ों की संख्या को कम करने के लिए प्राधिकरणों को हर संभव प्रया... Read more
जयसिंह रावत वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा के 11 साल बाद 31 जुलाई की रात एक बार फिर केदार घाटी में जलप्रलय जैसा माहौल पैदा हो गया। केदार धाम से लेकर नीचे घाटी में फंसे 15 हजार से अधिक तीर्थयात्र... Read more
राजकुमार सिन्हा भारत में आदिवासियों/मूलनिवासियों का जंगलों से रिश्ता सहअस्तित्व के सिद्धांत पर आधारित है। ऐतिहासिक दृष्टि से वन एवं वनक्षेत्र आदिवासी जनजातियों का पारंपरिक निवास हु... Read more
वीरेन्द्र कु. पैन्यूली जनवरी, 2023 में जब जोशीमठ में घरों में दरार दिखना, उनके चौड़ा होना, उनसे पानी फूटने पर सरकार ने जो चिंता दिखाई थी, वह मार्च, 2023 से गायब ही बनी हुई है। आज तो रुख ऐसा ह... Read more
वीरेन्द्र कुमार पैन्यूली उत्तराखंड में 16-17 जून 2013 की आपदा को हर समय याद किया जायेगा। इस जल प्रलय में लगभग एक हजार स्थानीय जन के साथ ही मृतकों की संख्या करीब 6 हजार थी। रामबाड़ा, तिलवाड़ा,... Read more
राजीव लोचन साह पता नहीं वर्षा अधिक हो रही है या कि हमारी बारिश झेलने की शक्ति कम पड़ रही है। अभी-अभी मानसून डट कर बरसा है। लगभग एक सप्ताह तक। अर्से के बाद ऐसी सतझड़ी देखने को मिली। दो-तीन महीन... Read more
बीज बचाओ आन्दोलन के संयोजक विजय जड़धारी ने केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री नई दिल्ली, माननीय श्री भूपेन्द्र यादव जी को एक पत्र लिखा जिसमें उन्होंने उत्तराखण्ड में हुई अग्नि... Read more
त्रिलोचन भट्ट ऐसे दौर में जबकि जन आंदोलनों को लेकर सरकारें क्रूर रवैया अपना रही हों और किसी भी जनआंदोलन को कुचलना और खत्म कर देना सरकारों ने अपना अघोषित एजेंडा बना लिया हो, ऐसे दौर में जबकि... Read more