संजय चौहान मेरे सपनों की उड़ान आसमान तक है मुझे बनानी अपनी पहचान आसमान तक है मैं कैसे हार जाऊं और थक कर बैठा रहूं ये जुनून ये अरमान आसमान तक है। मुझे बनानी अपनी पहचान आसमान तक है… उक्त... Read more
विनोद पाण्डे हम जब काॅलेज में थे तो एक बार पिकनिक में सातताल गये। धूपचैड़ से आगे बढ़ते ही ऊँचाई से घने बांज के जंगलों के बीच गहराई में बसी झील का जो पहला दृश्य मैंने देखा वह मेरी स्मृति में अभ... Read more
डॉ मिथिलेश कुमार डांगी दुनिया के आदिवासियों और जंगलों के किनारे बसने वालों का दुर्भाग्य ही है कि उन्हें बार-बार उजाड़ना पड़ता है वह भी उनके अपने देशों के छद्म विकास के नाम पर ।... Read more
विनोद पाण्डे जब पूरा देश कोरोना की दूसरी लहर से घायल है, बाबा रामदेव ने एलोपैथी की कमियों को उजागर कर एक विवाद को पैदा कर दिया है। आयुर्वेद और एलोपैथी चिकित्सा पद्धतियों के बीच स्वस्थ प्रतिस... Read more
डा अतुल शर्मा * न हवा न पेड़ न न जडे़ न फल बस एक सीमेंट का पेड़ न घोंसला न बेल न छाल न फल फूलों का गिरना न फलों की रखवाली बस एक सीमेंट का पेड़ सीमेंट के पेड़ पर बैठी चिड़िया पहली बार सीमेंट... Read more
देहरादून, 11 मई । देवप्रयाग में आपदा की सूचना मिली है। टिहरी गढ़वाल-तहसील देवप्रयाग क्षेत्रांतर्गत समय सांय लगभग 4.45pm पर देवप्रयाग बाजार के ऊपर पहाड़ पर बादल फटने/अतिवृष्टि से देवप्रयाग बाज... Read more
अनिल खेरियाल उत्तराखंड एक तरफ वैश्विक महामारी की मार झेल रहा है और दूसरी ओर एक के बाद एक आ रही प्राकृतिक आपदाओं ने उत्तराखंड को हलकान कर दिया है । रैणी में आई आपदा से उभर भी नहीं पाए थे कि ... Read more
डॉ. चंदन सिंह अधिकारी जब ग्राम प्रधान, लोगों व प्रकृति के प्रति संवेदशील होते हैं तो वह गांव को स्वर्ग बना सकते हैं, परन्तु यदि उन्हें पर्यावरण की समझ ही न हो अच्छे और बुरे का ज्ञान ही न हो... Read more
महिपाल नेगी, साहब सिहं सजवाण, अरण्य रंजन उत्तराखंड में उत्तरकाशी जनपद के अंतर्गत उत्तरकाशी वन प्रभाग के सेम मुखेम रेंज के वयाली के जंगल में रई और मुरेंडा जैसे उच्च हिमालई हरे पेड़ों का अवैध क... Read more
विनोद पाण्डे इस साल जनवरी के महीने ही से उत्तराखण्ड के अधिकांश जंगल जलने लग गये थे। ये हालत जंगल की बदहाली को बयान कर रहे थे, पर जंगलात इस आड़ में छुपता रहा कि ये जंगल की आग दरअसल “कंट्रोल बर... Read more