नवीन जोशी हाल ही में प्रकाशित अपनी किताब ‘ये मन बंजारा रे’ (सम्भावना प्रकाशन, हापुड़) में गीता गैरोला ने एकाधिक बार लिखा है कि ‘पहाड़ों से ऊर्जा लेने और रूटीन ज़िंदगी की ऊब खत्म करने के लिए’ वे... Read more
चन्द्रशेखर तिवारी हाल ही के वर्षो में ’बाटुइ’ शीर्षक से प्रकाशित कविता संग्रह कुमांउनी साहित्य में रुचि रखने वालों लोगों के लिए एक नायाब कृति के रुप में उभर कर आई है। वरिष्ठ रचनाकार ज्ञान पं... Read more
डाॅ.अरुण कुकसाल हिमालय बहुत नया पहाड़ होते हुए भी मनुष्यों और उनके देवताओं के मुक़ाबले बहुत बूढ़ा है। यह मनुष्यों की भूमि पहले है, देवभूमि बाद में, क्योंकि मनुष्यों ने ही अपने विश्वासों तथा देव... Read more
डॉ. सुशील त्रिवेदी हरिसुमन बिष्ट उत्तराखण्ड के शीर्षस्थ साहित्यकार हैं। उनके उपन्यास, कहानी, नाटक और यात्रा वृतांत पूरे हिन्दी क्षेत्र में अपनी मिट्टी की सुगंध बिखेरते हैं और जल के कल-कल निन... Read more
प्रदीप पाण्डे ‘मेरा ओलियागांव ’ अतीत की यादें ही रह जाती हैं और अपनी किताब ‘मेरा ओलियागांव ’ के माध्यम से हिंदी के ख्यातनाम साहित्यकार शेखर जोशी ने अपनी यादें सांझा की है ,उनकी य... Read more
दिनेश उपाध्याय किताब के जिल्द का पार्श्व काला है जिस पर लाल अक्षरों से किताब का नाम लिखा है ‘मुखजात्रा‘। लम्बे समय बाद एक ऐसी किताब पढ़ने को मिली जिसे पढ़ना शुरू किया तो पढ़ता चला गया। यह पुस्त... Read more
दिनेश कर्नाटक जीवनियां आमतौर पर किसी क्षेत्र विशेष में कामयाब हुए लोगों पर लिखी जाती है। ऐसे लोगों से परिचित होने की वजह से पाठक जीवनी पढ़ने को उत्सुक होते हैं ताकि उनके जीवन के ओर-छोर से परि... Read more
अरुण कुकसाल वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली और भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला से 2019 में प्रकाशित ‘हरी भरी उम्मीद’ (चिपको आन्दोलन और अन्य जंगलात प्रतिरोधों की परम्परा) किताब उस समाज को समर्पित ह... Read more
अरुण कुकसाल मैंने जानना चाहा कि यह पाठ किस बारे में है तो उसने बताया कि वह अल्लाह से दुआ मांगने की कहानी है। बगैर किसी निश्चित प्रतिक्रिया की अपेक्षा किए मैंने पूछाए अगर तुम्हें कहीं अल्लाह... Read more
देवेश जोशी (नरेन्द्र सिंह नेगी के गीतों का अंग्रेजी अनुवाद) उत्तराखण्ड में जन्मे नरेन्द्र सिंह नेगी ऐसे रचनाकार हैं जिनके सृजन में हिमालय का प्रतिनिधित्व झलकता है। उनका सृजन त्रिस्तरीय है। श... Read more