रेवती बिष्ट ‘‘ऋतुरैणा, चैतोमैना, ऋतुरैणा, चैतों मैना, एग्यो ईजू चेतो मैना……’’ इस गीत के बोल अब पहाड़ में बहुत कम सुनाई देते हैं और इन्हें गाने वाले भी पहाड़ के जंगलों की तरह लुप्... Read more
देवेश जोशी बसंत पंचमी से प्रारम्भ बसंत मैदानी क्षेत्र में होली के साथ विदा ले लेता है पर पहाड़ में ये बैसाखी तक अपने पूरे ठाठ में देखा जा सकता है। मैदानी बसंत के प्रतीक-पुष्प टेसू, ढा... Read more