स्वस्ती श्री नैनीताल समाचार का सम्पादकज्यू उनरा टीम का सहयोगी, सबै भाई-बन्धु, दीदी-भुली, साथी-दगड़ी और सम्मानित प्रवर पाठकों को यथायोग्य हाथ जोड़ी नमस्कार और आशीष। अत्र कुशलं च तत्रास्तु। मुख्... Read more
चंद्र शेखर तिवारी उत्तराखंड का एक बाजूबंद गीत जिसमें पहाड़ के काश्तकार पति पत्नी के खेती-पाती व पशुपालन के काम में एक-दूजे को परस्पर सहयोग करने की प्रबल भावना का सुंदरतम चित्रण हुआ है। उत्तरा... Read more
विनोद जीना उत्तराखंड के पहाड़ में एक सामान्य परंपरा है, जब किसी व्यक्ति के घर में गाय या भैंस ब्याती है (मतलब बछड़े को जन्म देती है) तो बछड़े की उम्र 22 दिन होने पर या उसके बाद किसी दिन पशु... Read more
चारू तिवारी म्येरि ईज इस्कूलाक द्विपुर म बनी ठुल खिड़की में भैबैर रेडू सुणते हुये हम नानतिना पर लै आंख लगै ररुनैर भइ। हम बग्वाईपोखर (अल्म्वड़) म अपाण इस्कूलोक ठुल दंगडि और बगीच म ‘लुक्की’ (छुप... Read more
चन्द्रशेखर तिवारी 20 मई 1900 को कुमाऊं के कौसानी नामक सुंदर स्थान में जन्मे सुकुमार कवि सुमित्रानंदन पंत के बचपन का नाम गुसांई दत्त था. स्लेटी छतों वाले पहाड़ी घर, आंगन के सामने आड़ू खुबानी के... Read more
ज्ञानरंजन ‘पहल’ का अंक 125 हमारी और उसकी यात्रा का अब आख़िरी अंक होगा। अभी तक यह ख़बर अफ़वाहों में थी जो सच निकली। यह निर्णय हमारे और ‘पहल’ से जुड़े तमाम लोगों के लिए तकलीफ़देह है। ह... Read more
राजकुमार केसवानी दोस्तों, यह ‘पहल’ का अंतिम अंक है। इस एक वाक्य को लिखने के लिए जितने साहस की आवश्यकता थी, उसे जुटाने में कई माह लग गए। इससे आगे की बात तो शायद किसी फूटे झरने की मानिंद... Read more
बृजमोहन जोशी होली, ऋत परिवर्तन को अभिव्यक्त करने का उत्सव है। कुमाऊँ अंचल में पौष मास को, विशेष रूप से इसके प्रथम रविवार को बहुत ही पवि़त्र माना जाता हैं। लोक देवताओं की पूजा ‘बैसी’ के लिये... Read more
ज़हूर आलम फोटो : विनीता यशस्वी युगमंच होली महोत्सव : एव सार्थक पहल तमाम मंचो से पहाड़ के गीत-संगीत और लोक संस्कृति को बचाने के लिए बड़े-बड़े भाषण दिये जाते हैं। पर हमारी कलाओं को बचाने और कलाकार... Read more
रेवती बिष्ट ‘‘ऋतुरैणा, चैतोमैना, ऋतुरैणा, चैतों मैना, एग्यो ईजू चेतो मैना……’’ इस गीत के बोल अब पहाड़ में बहुत कम सुनाई देते हैं और इन्हें गाने वाले भी पहाड़ के जंगलों की तरह लुप्... Read more