ललित मौर्या ‘डाउन टू अर्थ’ से साभार देश में 55.2 फीसदी जल निकाय जैसे तालाब, झीलें, चेक डैम आदि निजी हाथों में है। इन जल निकायों की कुल संख्या 13,38,735 है। वहीं 44.8 फीसदी जल निकाय सार्वजनिक... Read more
नवीन बिष्ट अल्मोड़ा। जंगलों को बचाए बिना मानव जीवन बचाया नहीं जा सकता है। जंगलों को सबसे बड़ा खतरा आग से हो रहा है। वनाग्नि के कारण जल श्रोत निरंतर सूख रहे हैं, वहीं वन्य जीव व मानव के बीच संघ... Read more
नवीन बिष्ट विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा के प्रयोगात्मक क्षेत्र हवालबाग में कृषि विज्ञान मेले का आयोजन किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि पद्म भूषण डा. राजेन्द्र सिंह परोदा... Read more
जुम्बिश, मीनाक्षी सोलंकी और सिद्धार्थ घनश्याम सिंह ‘डाउन टू अर्थ’ से साभार आप मानें या न मानें, आज हमारे अधिकतर कपड़ों में प्लास्टिक है। सर्दियों कि ठंड से बचाने वाले गर्म, चमकद... Read more
सुनील नवप्रभात कर्णप्रयाग का गांव है सेवई..ठीक श्रीनगर के मलेथा गांव की तरह..मलेथा की ही तरह सेवई में लंबे चौड़े खेत है..जिनमें गूल के जरिए सिंचाई होती थी..एक लंबे फाट में जब फसलें लहलहाती थ... Read more
बी. डी. सुयाल क्रोकोडाइल यानि मगरमच्छ एक डरावने सरीसृप हैं| इनके दर्शन मात्र से ही शरीर में सिहरन होने लगती है| ये डायनासोर के जमाने से पृथ्वी पर मौजूद हैं| जाहिर है मगरमच्छ 240 मिलियन वर्ष... Read more
राजू सजवान ‘डाउन टू अर्थ’ से साभार जोशीमठ में व्यापक स्तर भूधंसाव की शुरुआत को दो माह बीत चुके हैं, लेकिन अब तक न तो भूधंसाव के कारणों का खुलासा किया गया है और ना ही बेघर हुए लोग... Read more
शुचिता झा ‘डाउन टू अर्थ’ से साभार यह किसी भी प्रजाति के लिए आसान नहीं है कि वह उन मूल प्रजातियों से बेहतर प्रदर्शन करे जो पहले से ही स्थानीय परिवेश के अनुकूल हों। लेकिन, सजावटी झ... Read more
कल्याण सिंह रावत पहाड़ी क्षेत्रों में एक हजार मीटर से ऊपर स्थित भवन निर्माण डिजाइनों पर सोचा जाना चाहिए। अपरिहार्य कारणों को छोड़ कर समस्त मकानों को लकड़ी के हल्के मकान बनाने की इजाजत हो। दो... Read more
जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति प्रख्यात पर्यावरणविद डॉ. रवि चोपड़ा ने एन टी पी सी और एल एंड टी के आंकड़ों के आधार पर लिखे गए एक शोध पत्र के हवाले से कहा कि आज जो कुछ जोशीमठ में घटित हो रहा है, उसक... Read more