दयानिधि ‘डाउन टू अर्थ’ से साभार पृथ्वी और पर्यावरण की रक्षा की जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 2023 पर्यावरण दिवस मनान... Read more
साभार : पेन प्वाइंट 8 साल की उम्र में पहला पौधा जमीन पर रोपा, उसे बढ़ते वृक्ष का रूप लेते देखा तो इस धुन जागी कि पूरी जिंदगी ही जंगलों को पनपाने, वृक्षारोपण को समर्पित कर दी। आजादी के आंदोलन... Read more
सुजैन चाको, ललित मौर्या ‘डाउन टू अर्थ’ से साभार नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 8 मई 2023 को संयुक्त समिति को निर्देश दिया है कि वो हरिद्वार में कथित तौर पर किए जा रहे अवैध निर्माण और उसक... Read more
दयानिधि डाउन टू अर्थ से साभार हिमालय को लेकर एक और नया चौंकाने वाला अध्ययन सामने आया है। इस बार यह अध्ययन रिपोर्ट ग्रेटर हिमालय से संबंधित है। यह रिपोर्ट बताती है कि ग्रेटर हिमालय क्षेत्र मे... Read more
ललित मौर्या ‘डाउन टू अर्थ’ से साभार देश में 55.2 फीसदी जल निकाय जैसे तालाब, झीलें, चेक डैम आदि निजी हाथों में है। इन जल निकायों की कुल संख्या 13,38,735 है। वहीं 44.8 फीसदी जल निकाय सार्वजनिक... Read more
नवीन बिष्ट अल्मोड़ा। जंगलों को बचाए बिना मानव जीवन बचाया नहीं जा सकता है। जंगलों को सबसे बड़ा खतरा आग से हो रहा है। वनाग्नि के कारण जल श्रोत निरंतर सूख रहे हैं, वहीं वन्य जीव व मानव के बीच संघ... Read more
नवीन बिष्ट विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा के प्रयोगात्मक क्षेत्र हवालबाग में कृषि विज्ञान मेले का आयोजन किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि पद्म भूषण डा. राजेन्द्र सिंह परोदा... Read more
जुम्बिश, मीनाक्षी सोलंकी और सिद्धार्थ घनश्याम सिंह ‘डाउन टू अर्थ’ से साभार आप मानें या न मानें, आज हमारे अधिकतर कपड़ों में प्लास्टिक है। सर्दियों कि ठंड से बचाने वाले गर्म, चमकद... Read more
सुनील नवप्रभात कर्णप्रयाग का गांव है सेवई..ठीक श्रीनगर के मलेथा गांव की तरह..मलेथा की ही तरह सेवई में लंबे चौड़े खेत है..जिनमें गूल के जरिए सिंचाई होती थी..एक लंबे फाट में जब फसलें लहलहाती थ... Read more
बी. डी. सुयाल क्रोकोडाइल यानि मगरमच्छ एक डरावने सरीसृप हैं| इनके दर्शन मात्र से ही शरीर में सिहरन होने लगती है| ये डायनासोर के जमाने से पृथ्वी पर मौजूद हैं| जाहिर है मगरमच्छ 240 मिलियन वर्ष... Read more