अनिल खेरियाल
उत्तराखंड एक तरफ वैश्विक महामारी की मार झेल रहा है और दूसरी ओर एक के बाद एक आ रही प्राकृतिक आपदाओं ने उत्तराखंड को हलकान कर दिया है । रैणी में आई आपदा से उभर भी नहीं पाए थे कि अभी कुछ दिन पूर्व ही उत्तरकाशी चिन्याली के पास , रुद्रप्रयाग के पास कई जगह बेमौसम बादल फटने की घटनाओं ने तबाही मचा दी वैसे भी चमोली जिले का आपदाओं के साथ चोली दामन का साथ है । 4 मई 2021 की शाम 5.15 बजे चमोली जिले के घाट कस्बे के मुख्य बाजार के ऊपर बादल फटने के कारण पानी विकराल रूप धारण कर अपने साथ मलबा ,पत्थर,पेड़,आदि तेज़ीसे नीचे बहाकर लाया और घाट के मुख्य बाजार की दुकानों, रिहायसी मकानों को ज़मींदोज़ कर गया। दिन की घटना होने के कारण लोगो ने किसी तरह इधर उधर भागकर अपनी जान बचाई अगर यह घटना रात को हुई होती तो, यहां निवास करने वाले कई स्थानीय लोगों की जान भी जा सकती थी। इस आपदा में दीवान सिंह कुंवर का मकान ,गोशाला ,मवेशी। नरेंद्रसिंह रावत का मकान गोशाला।बाघसिंह कुंवर का मकान।देवेंद्रसिंह कुंवर का मकान।गिरीश मेंदुली का मकान ।मथुरा प्रसाद तिवारी का मकान । मुकेश सिंह रावत का निर्माणाधीन मकान ।चरण सिंह नेगी का मकान के साथ साथ अन्य बहुत से लोगो के मकान क्षतिग्रस्त हो गए।और मुख्यबाज़ार में रणजीतसिंह उदय सिंह ,नंदीप बिष्ट,महाराजा स्वीट, सूर्यालॉज,पुरोहित मेडिकल स्टोर, मुकेश सिंह रावत की दुकानों सहित अन्य कई दुकानों में मलबा भर जाने से सारा सामान नष्ट हो गया। कुल हुए नुकसान का आंकलन अभी नहीं हो पाया है।
तीन लोग मलबा आने से घर के अंदर ही बंद हो गए थे। स्थानीय लोगों ने मकान की दीवार तोड़ कर इन तीनों को सुरक्षित निकाल लिया। इस मौसम में इस प्रकार की घटना होने के लिए जंगलों में लगी आग भी मुख्य कारण है, क्योँकि पहाड़ों में आग लगने से घास उग नही पायी और पत्थर की जड़े उथली हैं, जिससे जरासी बारिश आने पर ये तेज़ी से नीचे की ओर बहने लगते हैं और यही मलवा नीचे घाटी में पहुंच कर तबाही मचा देता है। घाट मुख्यबाजार के ऊपर पहाड़ी के जंगलों में भी कुछ दिन पूर्व आग लगी थी। जिसने तबाही को कई गुना बढ़ा दिया है।