नवीन जोशी ताले में चाभी थोड़ी मुश्किल से घूमी। करीब दस महीने बाद मैं ‘अपने घर’ का तालाखोल रहा हूं। 2023 की तीस जून को यहां आकर दो जुलाई को वापस गया था। आज दस मई 2024 है। हमें देखकर लंगूरों का... Read more
हिलांश टीम के साथ हिमांशु जोशी बंगाल या फिर केरल के गांवों में आप घूमेंगे तो आपको वहां पब्लिक लाइब्रेरी आसानी से दिख जाएंगी। बंगाल ने उस धरोहर को पीढ़ी दर पीढ़ी न केवल आगे बढ़ाया है, बल्कि न... Read more
चन्द्रशेखर जोशी खूबसूरत सपने बर्बादी का कारण बनेंगे। सरकार की योजना पक्की है। गांव वालों को नासमझ कहने वालों ने अब खुद उद्यमी बनने की ठानी है। …अधेड़ शहरों से बचत लेकर पहुंचे है... Read more
देवेश जोशी प्रवास अर्थात अपने मुुल्क से दूर गैर मुल्क में बस जाना। ये गैर मुल्क अपने देश में भी हो सकता है और विदेश में भी। वल्र्ड बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में 3 प्रतिशत लोग विदे... Read more
पृथ्वी राज सिंह एक समय था हमारे पास फुल टाइम नेता होते थे। एक पधान होता था, एक सरपंच होता था मानो मानद उपाधि हो, व्यक्ति का उपनाम होता था। गांव की राजनीति में वह न तो इस पद से ऊपर जाता था, न... Read more
रमदा “रमदा ” का यह आलेख सितम्बर 2018 में ‘ नैनीताल समाचार ‘ में प्रकाशित हो चुका है। यह आलेख आज के समय में भी उतना ही प्रासंगिक है इसलिये इसे वैब साइट में फिर से प्र... Read more
लौह अयस्क से परिपूर्ण एक पहाड़ी और उसकी सीमा रेखा बनाती दो नदियाँ- खैरना और कोशी। एक उत्तरवाहिनी तो दूसरी पश्चिम की ओर आते-आते दक्षिण-पश्चिम को ओर चल देने वाली। उत्तर-पूर्व और दक्षिण में इन... Read more
डाॅ. अरुण कुकसाल ‘आ, यहां आ। अपनी ईजा से आखिरी बार मिल ले। मुझसे बचन ले गई, देबी जब तक पढ़ना चाहेगा, पढ़ाते रहना।’ उन्होने किनारे से कफन हटाकर मेरा हाथ भीतर डाला और बोले ‘अपनी ईजा को अच्छी तरह... Read more
प्रमोद साह यह उत्साहित करते चित्र आगराखाल, टिहरी गढवाल बाजार के हैं . जहां इन दिनों उत्साह का माहौल है. डेढ़ से दो ट्रक रोज अदरक की आमद आगरा खाल बाजार में हो रही है.. जहां से यह अदरक ऋषिकेश... Read more