अनसूया प्रसाद मलासी समौंण की शुरूआत – ‘वन्दना’ आद्या शक्ति स्वरूपिणी गढ़वती, गौरी गिरा पावनी। समलंकार स्वरूप रूप अखिला, श्वेतासिता वासिनी।। … के बाद, ‘बीरौ ओल... Read more
गीता गैरोला/अरुण कुकसाल प्रख्यात फोटो पत्रकार, घुमक्कड़ और लेखक कमल जोशी रुद्रप्रयाग जिले के घोलतीर गांव के मूल निवासी थे। उनका जन्म मां श्रीमती सत्यभामा और पिता फ़तेह राम जोशी के घर कोटद्वार... Read more
देवेश जोशी यायावरी-घुमक्कड़ी का शौक़ कई लोगों को होता है और लेखन प्रतिभा सम्पन्न भी असंख्य होते हैं किंतु इन दोनों का सामंजस्य विरलों में ही देखने को मिलता है। सौभाग्य से उत्तराखण्ड को एक ऐसा... Read more
डॉ. अरुण कुकसाल ‘किसी समय कहीं एक चिड़िया रहती थी। वह अज्ञानी थी। वह गाती बहुत अच्छा थी, लेकिन शास्त्रों का पाठ नहीं कर पाती थी। वह फुदकती बहुत सुन्दर थी, लेकिन उसे तमीज नहीं थी। राजा ने सोचा... Read more