नवीन जोशी कथाकार शेखर जोशी 10 सितम्बर, 2022 को नब्बे वर्ष पूरे कर लिए थे। पिछले कुछ सालों से उनकी आंखें काफी कमजोर हो गई थीं। आंखों की एक असाध्य बीमारी के कारण साफ देख नहीं पाते। चेहरे भी पह... Read more
मिथिलेश कुमार सिंह ‘खबर सिर्फ इतनी नहीं है कि 1948 में टिहरी गढ़वाल के काफलपानी गांव में वह पैदा हुआ था, पढ़ाई- लिखाई देहरादून में हुई, नौकरी उसने देश के मुख्तलिफ शहरों में की, वह कवि... Read more
प्रियदर्शन ‘पहाड़ों की यातनाएं हमारे पीछे हैं, मैदानों की हमारे आगे.’ जर्मन कवि बर्तोल्त ब्रेख्त की यह काव्य पंक्ति मंगलेश डबराल को बहुत प्रिय थी और अक्सर वे इसे दोहराया करते थे.... Read more
चारु तिवारी बहुत विचलित करने वाली खबर आ रही है। हमारे अग्रज, प्रिय कवि, जनसरोकारों के लिये प्रतिबद्ध मंगलेश डबराल जी जिंदगी की जंग हार गये हैं। पिछले दिनों वे बीमार हुये तो लगातार हालत बिगड... Read more
धीरज सिहं नेगी समीक्षा महाभारत में राजा दुष्यंत और शकुन्तला की प्रेम कथा बहुत से लोगों ने पढ़ी होगी। इसी प्रकार इस प्रेम प्रंसग पर महाकवि कालिदास द्वारा रचित ‘अभिज्ञान शाकुन्तलम्’ का भी कई लो... Read more
देवेश जोशी शेरदा अनपढ़। उत्तराखण्ड के एक ऐसे कवि जिसे काव्यकर्म के लिए किसी पढ़ाई-लिखाई की जरूरत न थी। फिर भी समाज और परिवेश को पढ़ने में वो नम्बर वन थे। लोग उनकी पढ़ाई-लिखाई पर सवाल उठाएँ इस... Read more
अमरीक सुमित्रानंदन पंत छायावाद के चार प्रमुख हस्ताक्षरों में से सिरमौर थे। सौंदर्य के अप्रीतम कवि। प्रकृति उनके विशाल शब्द-संसार की आत्मा है। पंत जी का जन्म 20 मई, 1900 में अल्मोड़ा के कौसान... Read more
देवेश जोशी मुरली दीवान। एक ऐसा नाम जो समकालीन गढ़वाली कवियों में किसी परिचय का मोहताज़ नहीं। एक ऐसा कवि जो कबीर की तरह व्यंग्य को हथियार बनाता है और उन्हीं की तरह ठेठ लोक समाज से शब्द, बिम्ब औ... Read more
अशोक पाण्डे जब उनसे पहली बार मिला वे नैनीताल के लिखने-पढ़ने वालों के बीच एक सुपरस्टार का दर्जा हासिल चुके थे. उनकी कविताओं की पहली किताब ने आना बाकी था अलबत्ता मेरे परिचितों का एक बड़ा हिस्सा... Read more