रमेश शर्मा ‘डाउन टू अर्थ’ से साभार पंचायती राज की नैतिक अवधारणा में ग्राम सभा और पंचायत, व्यवस्था तंत्र की परिधि का केन्द्रबिन्दु है। भारत जैसे महान समाजवादी गणराज्य में – लोगों की जो... Read more
राजीव लोचन साह उत्तराखंड में पंचायत चुनावों का एक मंजर अभी-अभी हमने देखा है। जो कुछ हुआ उसके बारे में विस्तार में जाने की जरूरत नहीं। किस तरह से हमारे जन प्रतिनिधि बिक रहे हैं, किस तरह सैर-स... Read more
प्रदेश में कृषि भूमि वैसे ही 13 प्रतिशत से कम है और अगर शासन-प्रशासन का यही रवैया रहा तो बची खुची जमीन भी भू माफियाओं और धन्ना सेठों के हाथ में चली जायेंगी और काश्तकारों की उन जमीनों पर अन्न... Read more
उत्तराखंड में भूमि का बंदोबस्त इस तरह है कि अधिकांश किसानों के पास नाप भूमि के साथ-साथ बेनाप भूमि भी है। गाँव वालों के पास तो केवल बेनाप भूमि ही है। इस भूमि पर उनका मकान है तथा खेती भी होती... Read more