नवीन जोशी कथाकार शेखर जोशी 10 सितम्बर, 2022 को नब्बे वर्ष पूरे कर लिए थे। पिछले कुछ सालों से उनकी आंखें काफी कमजोर हो गई थीं। आंखों की एक असाध्य बीमारी के कारण साफ देख नहीं पाते। चेहरे भी पह... Read more
बहुत दुःख और कष्ट के साथ यह लिख रहा हूँ कि हमारे उस्ताद और दाज्यू शेखर जोशी ने कुछ देर पहले देह से मुक्ति पा ली। चंद रोज से वे गाजियाबाद के अस्पताल में थे और बड़े कष्ट में थे। 10 सितंबर को ब... Read more
इस्लाम हुसैन हम बचपन से सुनते आए हैं कि, कोस कोस पर बदले पानी और चार कोस पर वाणी। पैदल चलने वालों के न जाने कितने कारवां के सदियों के अनुभव के बाद, इस मुल्क में यह स्थाई धारणा और कहावत ने जन... Read more
मिथिलेश कुमार सिंह ‘खबर सिर्फ इतनी नहीं है कि 1948 में टिहरी गढ़वाल के काफलपानी गांव में वह पैदा हुआ था, पढ़ाई- लिखाई देहरादून में हुई, नौकरी उसने देश के मुख्तलिफ शहरों में की, वह कवि... Read more
प्रियदर्शन ‘पहाड़ों की यातनाएं हमारे पीछे हैं, मैदानों की हमारे आगे.’ जर्मन कवि बर्तोल्त ब्रेख्त की यह काव्य पंक्ति मंगलेश डबराल को बहुत प्रिय थी और अक्सर वे इसे दोहराया करते थे.... Read more
चारु तिवारी बहुत विचलित करने वाली खबर आ रही है। हमारे अग्रज, प्रिय कवि, जनसरोकारों के लिये प्रतिबद्ध मंगलेश डबराल जी जिंदगी की जंग हार गये हैं। पिछले दिनों वे बीमार हुये तो लगातार हालत बिगड... Read more
उमा भट्ट 18 अक्टूबर की सुबह सात बजकर बारह मिनट पर मैंने मधु जोशी के लिए व्हट्सऐप पर सन्देश भेजा कि निर्मला ढैला से जो लेख लिखवाने की बात हुई थी, वह कब तक मिलेगा क्योंकि अब इस बात को 10-12 दि... Read more
देवेश जोशी मेरी पढ़ाई-लिखाई का माध्यम हिन्दी था। ज़ाहिर है विचार-प्रक्रिया भी हिन्दी में ही चलती है। साहित्य भी सर्वाधिक हिन्दी का ही पढ़ा है तो अभिव्यक्ति की भी सबसे सहज भाषा हिन्दी ही है। किं... Read more
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता और टीवी चैनलों की बहस में गरमागरम बात करने वाले सम्बित पात्रा ने सोमवार की सुबह एक ट्वीट किया. इस ट्वीट में अंग्रेजी का एक शब्द है. साथ में द... Read more
अमरीक 12 मई को लब्धनिष्ठ आलोचक नंदकिशोर नवल का 83 वर्ष की उम्र में जाना एक ऐसे हिंदी साहित्य हस्ताक्षर का जाना है जिन्होंने ताउम्र अग्रज और समकालीन तथा नवोदित हिंदी साहित्यकारों की (बनती) सर... Read more