राजेन्द्र भट्ट ऐसी शिक्षा जब मातृभाषा में दी जाती है तो अपनेपन की, उदारता और उल्लास की, जन-मन की उम्मीदों-उदासियों-टीसों-अपेक्षाओं का पूरा विस्तार खोल देती है। यहीं से बच्चे (बच्चे का मतलब ह... Read more
राजीव लोचन साह श्रावण मास की संक्रान्ति को उत्तराखंड, विशेषकर कुमाऊँ में परम्परागत रूप ‘हरेला पर्व’ मनाया जाता है। न जाने कब से। अब ‘पर्यावरण’ शब्द के आविष्कार के बाद तो इसे पर्यावरण से जोड़ा... Read more