नवीन जोशी 1970-80 के दशक की बात है। आकाशवाणी, लखनऊ से प्रसारित होने वाले उत्तरायण’ कार्यक्रम में कुमाऊंनी कविता, कहानी या वार्ता पढ़ने न जाना हो तो भी हम वहां अक्सर पहुंच जाते थे। जिज्ञासु जी... Read more
डॉ करुणा शर्मा कहानी साहित्य जगत की ऐसी महत्वपूर्ण विधा है जिसे बच्चा भी पढ़ना चाहता है और बड़ा भी, सामान्यजन भी पढ़कर आनंदित होता है और विद्वज्जन भी। आजकल कहानी की एक नई विधा ’लघु कथा’ की ओर आ... Read more
कमल जोशी पुस्तक के परिचय में रत्ना एम. सुदर्शन लिखती हैं, “यह किताब उन लोगों को आश्चर्यचकित करेगी जो मेरे पिता को जानते थे”. आई.सी.एस. अधिकारी रहे और‘पद्म-विभूषण’ से सम्मानित स्व. बी डी पाण्... Read more
राजशेखर पन्त स्वतंत्रता के पचहत्तर वर्ष बाद भी यदि किसी लेखक को अपनी पुस्तक की प्रस्तावना कुछ इस तरह शुरू करनी पड़े- “इस पुस्तक में भारत की वह तस्वीर उभरती है जो अक्सर छिपाई जाती है।... Read more
डा अतुल शर्मा कविता संग्रह मिला / कमल जोशी की फोटोग्राफी और ट्रैकिंग याद आ गई / शायद साल भर पहले मैने भाई शेखर पाठक के कहने पर टाउन हॉल देहरादून में उनकी कविताएं पढ़ी थीं / उनपर लिखी अपनी... Read more
संजीव जायसवाल ‘संजय’ यह एक स्याह यथार्थ था भारतीय समाज की आधी आबादी का। प्रतिबंधों, बंधनों और पर्दों के पीछे कैद उनकी सिसकियों को तो क्या उनके रूदन के स्वरों को भी चौखट से बाहर नहीं आने दिय... Read more
डॉ. भूपेंद्र बिष्ट रुपहले परदे पर चित्रित कहानी के सीक्वेल की बात सिर्फ़ देखने वालों की उत्सुकता को बनाए रखने तक महदूद हो सकती है पर किसी औपन्यासिक गाथा की अगली कड़ी कथा वस्तु का विस्तार भर... Read more
नवीन जोशी पिछले वर्ष सुंदरलाल बहुगुणा के रूप में उत्तराखण्ड, हिमालय और देश-दुनिया ने एक दृढ़ संकल्पवान गांधीवादी पर्यावरण-योद्धा खो दिया था। उन्होंने अपनी यात्राओं, लेखों-भाषणों, अनशनों-आंदोल... Read more
नवीन जोशी “नर्मदा घाटी के लोग नष्ट नहीं होना चाहते थे और अब तक लड़ रहे हैं। उत्तराखण्ड में पिछली डेढ सदी की पलायन की प्रक्रिया ने अपनी जड़ों से कटने के मनोविज्ञान को एक सीमा तक उचित मान लिया थ... Read more
भुवन पंत मंजिलें जितनी आकर्षक लगती हैं, राहें उतनी आसान हुआ नहीं करती । पग-पग पर रूकावटें, चुनौतियां , इनसे खुद ही जूझना होता है, कठिनाइयों के बीच आत्मालाप होता है और फिर संकल्प के प्रति दृढ... Read more