कृष्ण कान्त एक थे साहिर लुधियानवी, भजन लिखा – तोरा मन दर्पण कहलाए… अल्लाह तेरो नाम ईश्वर तेरो नाम… मन रे तू काहे ना धीर धरे… गंगा तेरा पानी अमृत… ईश्वर अल्लाह त... Read more
देवेश जोशी साल 2014 में मैं जब जीत सिंह नेगीजी से पहली बार रूबरू मिला था तो सोचा था कि वापसी में ढेर सारे गीतों का खज़ाना मेरे पास होगा। ये जानकर बहुत कष्ट हुआ था कि खुद उनके पास भी उनके गीत... Read more