नवेन्दु मठपाल
प्रख्यात जनकवि गिरीश तिवारी गिर्दा की पुण्यतिथि के अवसर पर समीहा व पहरू द्वारा दुदबोलि छींट(मातृभाषा के छींटे) कार्यक्रम आयोजित किया गया। बेबीनार के माध्यम से जूम एप पर हुए इस कार्यक्रम में देश भर के कुमाउनी साहित्यकारों ने अपनी अपनी रचनाओं के माध्यम से गिर्दा को याद करते हुए लोकसंस्कृति के विभिन्न पहलुओं पर बातचीत की।कार्यक्रम की शुरुआत गिर्दा के चित्र पर माल्यार्पण से हुई ततपश्चात कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुमाउनी कवि दुदबोलि के सम्पादक मथुरादत्त मठपाल को भुवन पपने एवं नवीन तिवारी द्वारा शाल उढ़ाया गया।इसके बाद लखनऊ से चन्द्रकला,यवनिका पन्त ने सबका स्वागत किया।अल्मोड़ा से नवीन बिष्ट द्वारा गिर्दा के गीत प्रस्तुत किये गए।
लखनऊ से वरिष्ठ पत्रकार नवीन जोशी ने” गिर्दा का दुदबोलि अनुराग “बिषय पर बात रखी।शंकर दत्त जोशी ने लमगड़ा,पूरन चन्द्र कांडपाल ने दिल्ली,भुवन पपने ने रामनगर,गोपाल भट्ट ने गरुड़ बागेश्वर डॉ दीवा भट्ट, हयात सिंह रावत पहरू सम्पादक ने अल्मोड़ा,डॉ धन सिंह मेहता अनजान ने लखनऊ,मनोज उप्रेती,त्रिभुवन गिरी ने कुमाउनी कविताओं का पाठ किया।लखनऊ से वरिष्ठ पत्रकार गोबिंद पन्त राजू ने” वर्तमान समय में गिरीश तिवारी गिर्दा की “प्रासंगिकता पर बातचीत रखी।लखनऊ से नाट्य निर्देशक ललित सिंह पोखरिया ने जनकवि गिर्दा का रंगमंचीय हस्तक्षेप पर बातचीत रखी। कार्यक्रम के अंत में समीहा के अध्यक्ष भूपाल सिंह से भिकियासैंण से सभी का आभार व्यक्त किया।