प्रयाग पाण्डे शीतऋतु पूरे यौवन में है। चिल्ला जाड़े के दिन चल रहे हैं। उत्तराखंड सहित भारत के पर्वतीय क्षेत्र ठंड से ठिठुर रहे हैं, पहाड़ी क्षेत्रों के ऊँचाई वाले अनेक स्थानों ने बर्फ की सफेद... Read more
चन्द्रशेखर तिवारी 17 जनवरी। दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र की ओर से आज सामाजिक शोधार्थी और प्रोग्राम एसोसिएट चन्द्रशेखर तिवारी की पुस्तक ’उत्तराखंड का भूगोल’ का लोकार्पण आज केन्द्र के सभागार... Read more
प्रयाग पाण्डे वीरान जंगल को विश्व के ख्यात हिल स्टेशन में तबदील करने वाली नैनीताल नगर पालिका परिषद का गौरवशाली एवं स्वर्णिम अतीत रहा है। नैनीताल की नगर पालिका को नॉर्थ वेस्टर्न प्रोविंसेज क... Read more
जयप्रकाश पंवार ‘जेपी’ अजरबैजान की राजधानी बाकू में लगभग डेढ़ महीने पहले सम्पन्न हुए संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (सी.ओ.पी. 29) में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिसमें विकसित देशों... Read more
डॉ.भूपेंद्र बिष्ट स्मृति व्याख्यान का ज़िक्र आते ही अमूमन सोच में एक खाका आता है कि कोई अधिकृत वक्ता खड़ा है पोडियम पर, वह ऑडियंस से मुखातिब होने के पहले पीछे लगे बैनर — जिनकी स्मृति... Read more
फोटो में श्रीमती नौटियाल और मदन मोहन नौटियाल अरुण कुकसाल अगस्त, 1981 की कोई तारीख रही होगी, देर शाम तक श्रीनगर (गढ़वाल) में मदन मोहन नौटियाल जी के उत्तराखण्ड वर्कशाप के गुटमुटे कमरे के अन्दर... Read more
उमेश तिवारी ‘विश्वास’ यह पक्का है कि वोटिंग के दिन वह घर में ही पड़ा रहता है। जे आरोप भी पक्के घरों वाले वोटर पर है, झुग्गी-झोपड़ी वालों पर नहीं। यह भी वेरीफाइड है कि अपने अन्य काम... Read more
उमेश तिवारी ‘विश्वास’ कई बार सवाल उठाया जाता है कि एक देश की तरह हमने पिछले 75 वर्षों में क्या हासिल किया ! बेशक पूछा जाएगा कि एक विकसित राष्ट्र की श्रेणी में पहुंचने के लिए क्य... Read more
प्रयाग पाण्डे “तुम्हारे शहर में ये शोर सुन-सुनकर तो लगता है, कि इंसानों के जंगल में कोई हाँका हुआ होगा।” मशहूर शायर दुष्यंत कुमार की ग़ज़ल का यह शेर सरोवर नगरी नैनीताल की मौजूदा हा... Read more
दिनेश उपाध्याय चालीस साल होने को हैं। वर्ष 1986, महीना शायद दिसंबर रहा होगा, जब मैं बी. डी. पांडे अस्पताल के पीछे, रोपवे में नौकरी करने गया। शुरू में, मैं बड़ा चौंका कि ये कैसी नौकरी है जहां... Read more