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हाल ही में कैलास मानसरोवर यात्रा पर एक पुस्तक प्रकाशित हुई है ‘कच्चे रास्ते पक्के सबक’। पुस्तक की लेखक हैं डॉ.दीपा तिवारी । लेखक का संक्षिप्त परिचय पुस्तक की ज़िल्द के अन्तिम पृष्ठ पर देखा जा सकता है।
इस पुस्तक को पढ़ते हुए यानि लेखक के वर्णित रास्ते पर चलते हुए पाठकों को वो पक्के सबक मिल जाएंगे जो लेखक द्वारा बताए गये हैं।
केवल कैलास मानसरोवर यात्रा के लिये ही नहीं बल्कि ये सबक हर उस व्यक्ति के काम के हैं जो लम्बी यात्राओं में दिलचस्पी रखता है। पहला सबक है, अपनी तैयारी और अपनी तैयारी में 48 उन छोटी- छोटी वस्तुओं को शामिल किया गया है जो उच्च हिमालयी क्षेत्रों की यात्रा के दौरान अत्यंत आवश्यक हैं। यहाँ तक कि ट्रैकिंग बैग से लेकर जूते की बारीकियों तक का ज़िक्र इस पुस्तक में दिया गया है ।
इस किताब में सह यात्रियों के रोचक वर्णन के साथ – साथ उन पड़ावों का भी रोचक वर्णन है जहाँ-जहाँ ये यात्री रुके । ठहरने वाले स्थान के साथ -साथ उस स्थान से जुड़े बाजारों और आस पास के दर्शनीय स्थानों का वर्णन भी इस पुस्तक में व्यापक तरीके से किया गया है।
इस पुस्तक में लिखे गये कई-कई किस्सों के ज़रिये पाठकों को जानकारियों का एक छोटा मोटा खज़ाना उपलब्ध हो गया है। जैसे बिच्छू घास (कंडाली) से जुड़ी मान्यताएं और इसके औषधीय उपयोग का वर्णन ।
पुस्तक की लेखक को एक सचेत पर्यटक भी कहा जा सकता है उन्होंने हर पड़ाव के स्थानीय लोगों की संस्कृति भाषा , पहनावा आदि पर बहुत ज्ञानवर्धक टिप्पणियाँ की हैं ,जैसे उन्होंने बताया कि – आपका घर कहाँ है को ‘ रंङ‘ भाषा में ‘गनी में चिम ओलेले ‘ बोला जाता है।
किस इलाके में कौन- कौन से औषधीय पौधे पाए जाते हैं ? वहाँ का स्थानीय भोजन हमारे भोजन से किस रुप में भिन्न है ? रंङ‘ भाषा में पगड़ी को ‘बैन्ठोलों’ कुर्ते को ‘रंगा’ , कमरबन्द को ‘ज्योज्यांग’ महिलाओं द्वारा पहने जाने वाली कमीज को ‘च्युंग और जूते को ‘बप्च’ कहा जाता है । अतीस , जम्बू , कुटकी, डोलू आदि के औषधीय उपयोगों,जैसे जम्बू में विटामीन – सी पाया जाता है आदि -आदि बहुत सी जानकारियां इस पुस्तक का हिस्सा हैं।
इसके अलावा प्रकृति के मनोरम दृश्यों का वर्णन अद्भुत है । कैलास मानानरोवर , राक्षस ताल आदि का वर्णन इतना मनमोहने वाला है कि पढ़ने वाले को लगता है कि एक बार किसी तरह भी इन जगहों की यात्रा कर ली जानी चाहिये ।
यात्रा के शौकीन लोगों को तो यह पुस्तक अवश्य पढ़नी ही चाहिये पर कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग की जानकारियों और इससे जुड़ी कहानियों के लिये भी यह पुस्तक पठनीय है।
इस पुस्तक के प्रकाशक एवं मुद्रक -समय साक्ष्य देहरादून हैं ।
इसका मूल्य 165/ – है।
पुस्तक ‘कच्चे रास्ते पक्के सबक ‘ : एक समीक्षा