नवीन जोशी ताले में चाभी थोड़ी मुश्किल से घूमी। करीब दस महीने बाद मैं ‘अपने घर’ का तालाखोल रहा हूं। 2023 की तीस जून को यहां आकर दो जुलाई को वापस गया था। आज दस मई 2024 है। हमें देखकर लंगूरों का... Read more
बच्ची सिंह बिष्ट देव नगर, मूलबेरी और जुबड़ शिमला जिले के इन तीन गांवों के किसानों से मिलने का मौका मिला। तीनों जगह बागवान मिले। छोटी जोत वाले। उन्होंने सुभाष पालेकर प्राकृतिक कृषि को अपनाया... Read more
जयप्रकाश पंवार ‘जेपी’ अस्कोट आराकोट अभियान के तहत दस साल पहले मैं अपने कुछ साथियों के साथ रिस्पना नदी के जलागम क्षेत्र भ्रमण पर था. तब हमने रिस्पना के उद्गम झड़ी पानी, भट्टा फाल, के साथ पूरी... Read more
दिनेश उपाध्याय चालीस साल होने को हैं। वर्ष 1986, महीना शायद दिसंबर रहा होगा, जब मैं बी. डी. पांडे अस्पताल के पीछे, रोपवे में नौकरी करने गया। शुरू में, मैं बड़ा चौंका कि ये कैसी नौकरी है जहां... Read more
राजीव लोचन साह यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि जब पड़ौस के उत्तर प्रदेश, जिसके 24 साल पहले तक हम अभिन्न अंग थे, से हमारे चुनाव परिणाम इतने अलग क्यों हो गये ? जहाँ उत्तर प्रदेश में राहुल गांधी और... Read more
महेश पुनेठा आज हर किसी की जुबां में कल शाम हुई बारिश के किस्से हैं। जहां भी दो लोग मिल रहे हैं,उनकी बातचीत के बीच कल की बारिश बरस पड़ रही है। कल शाम 4 बजे से लगभग 2 घंटे तक बारिश होती रही। इ... Read more
प्रयाग पांडे राजनीति चंचल होती है। यहाँ स्थायित्व नहीं होता। हार- जीत चुनावी राजनीति का अहम हिस्सा है। यही लोकतंत्र को प्राणवान और जीवंत बनाता है। सियासी दलों और नेताओं को लोकप्रियता, विश्वस... Read more
राजीव लोचन साह पर्यटन और तीर्थाटन उत्तराखंड के लिये विनाशकारी हो गये हैं। दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि इस तथ्य को न तो प्रदेश सरकार समझ रही है और न ही पर्यटन से किंचित भी लाभ लेने वाला बेहद सामान... Read more
(मनीष सिंह की वॉल से) आपसे चार्ली चैप्लिन मिलना चाहते है बापू.. – कौन चार्ली चैप्लिन.. ?? गांधी फिल्में नही देखते थे। तो किसी ने बताया – जोकर है एक!!! दूसरे ने टोका – नही ब... Read more
राजीव लोचन साह यह अंक आपके हाथ में पहुँचने तक 2024 के लोकतंत्र का महापर्व समाप्त हो गया होगा और एक नयी सरकार सत्तारूढ़ हो रही होगी। भाजपा के चरम आत्मविश्वास से भरे ‘अब की बार चार सौ पार’ के न... Read more