अतुल सती
लेबर कमिश्नर देहरादून ने आपदा के सिलसिले में तपोवन विष्णुगाड़ प्रोजेक्ट व ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट पर काम कर रही कम्पनियों को बुलाया था । जिसमें इन कम्पनियों से मजदूरों के पीएफ , इंश्योरेंस व मजदूरों से सम्बंधित अन्य दस्तावेज मांगे गए । जिसमें एनटीपीसी के पास आधे अधूरे दस्तावेज थे । जबकि ऋषिगंगा पॉवर प्रोजेक्ट के अधिकारियों के पास कोई भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं थे । लेबर कमिश्नर ने इस पर सख्त रवैय्या अख्तियार किया । इन कम्पनियों की लापरवाही पर इनके खिलाफ सख्त कार्यवाही का निर्देश भी कमिश्नर की तरफ से दिया गया ।
कहा जा रहा है कि बहुत सामान्य दस्तावेज भी ये कम्पनियां प्रस्तुत नहीं कर पाईं । हजारों करोड़ की परियोजना चला रही कम्पनियां मजदूरों के जीवन व उनके भविष्य के प्रति कितनी गैर जिम्मेदार थीं यह इस प्रकरण से और भी पुष्ट होता है । परियोजनाओं में सुरक्षा मानकों की पूरी तरह अनदेखी तो पहले ही साबित हो चुकी है , अन्यथा इतने लोगों के प्राण नहीं जाते ।
सुनते हैं कमिश्नर ने इन परियोजना निर्मात्री कम्पनियों पर गैर इरादतन हत्या (306)व धोखाधड़ी(420) के तहत मुकदमा करने के भी चेतावनी दी । खास तौर पर एनटीपीसी के रवैय्ये पर आश्चर्य है कि देश की प्रमुखतम कम्पनी की यह हालत यह रवैय्या है । कमिश्नर ने इनसे पहले से अब तक के पूरे पीएफ क्लियरेंस करने के निर्देश दिए हैं । ऋत्विक कम्पनी जो एनटीपीसी के तहत काम कर रही है उसके मालिक पर भी सख्त रवैया दिखाते गिरफ्तार करने तक कि बात कही । हद तो ये हुई कि ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट की निर्मात्री कम्पनी का पीएफ रजिस्टर ही नदारद पाया गया ।
हमने भी सरकार से इनकी आपराधिक लापरवाही के खिलाफ मुकदमा करने की मांग की थी । इस संदर्भ में प्राथमिकी दर्ज करने सन्दर्भ में एक प्रार्थनापत्र जोशीमठ थाने में भी दिया था । इस प्रकरण के बाद तो यह और भी गम्भीर मामला हो जाता है । कि किस तरह कम्पनी न सिर्फ सुरक्षा उपायों के प्रति लापरवाह थी बल्कि मजदूरों के सामान्य अधिकारों के साथ खिलवाड़ करने में भी आपराधिक षड्यंत्र कर रही थी । मजदूरों के लापता होने के आंकड़ों में लगातार किये जा रहे दुराव छिपाव की एक बड़ी वजह यह भी लगती है । कमिश्नर ने जोर देकर बैठक में कहा कि यदि इनके अतिरिक्त भी क्लेम आये तो सबका भुगतान करना होगा ।
इस प्रकरण का संज्ञान लेते हुए सरकार को इन कम्पनियों के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए मुकदमें दर्ज करवाने चाहिए । यहां कार्य कर रही यू टर्ननियनों को भी इस प्रकरण का संज्ञान लेते हुए इस पर लड़ना चाहिए ।