(सविता 14 सितंबर 2022 को 53 सदस्यीय टीम को लेकर उत्तरकाशी की पहाड़ी द्रौपदी का डांडा चोटी पर गयीं थी। वे टीम लीडर थीं। 4 अक्टूबर को चोटी फतह करने के बाद वापसी कर रही थीं। बीच में एवलांच आने से हादसा हुआ। 26 अभी भी लापता हैं। रेस्क्यू जारी है।)
रूपेश कुमार सिंह
माउंट एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल से वो पहली मुलाकात आखिरी साबित होगी•••”ऐसा तो तय नहीं हुआ था सविता? तुम अक्टूबर के मध्य में दिनेशपुर आओगी और हम सबके साथ कुछ दिन रहोगी, तुमने ही तो वायदा किया था।
इधर बच्चों के साथ तुम्हारी मुलाकात होनी थी। तुम्हारे बारे में मैंने कई साथियों से बात की थी। द्रोण काॅलेज में कार्यक्रम होगा, इसकी अनुमति भी शमशेर सिंह सर ने दी थी। द्रौपदी का डांडा चोटी चढ़ने से पहले भी सितम्बर शुरू में तुमने मुझे फोन करके मेरा हालचाल जाना था।
तब तुम दिनेशपुर आने को कितना उत्साहित थीं। तुमने अपना वायदा क्यों तोड़ दिया सविता?
तुम तो माउंट एवरेस्ट, माउंट मकालू और न जाने कितनी ही चोटियों को फतह कर चुकी हो, द्रौपदी का डांडा तो कई बार•••फिर भी !
इस तरह छोड़कर कोई जाता है प्यारी??
जब दोबारा मिलना ही नहीं था तो वो पहली मुलाकात में इतनी आत्मीयता, इतना इतना प्रेम देना ही क्यों था???
तुम्हारा वो गर्मजोशी से गले लगाना रह-रह कर मेरी आँखों के सामने आ रहा है।
अंजलि, शालिनी, प्रदीप और पलाश जी भी बहुत दुःखी हैं। तुमने हम सब साथियों से वादा खिलाफी की है।
खैर! तुम पहाड़, चोटी, हिम और प्रकृति से ही सबसे ज्यादा मोहब्बत करती थीं। पर्वतों को चढ़ने के लिए तुमने कितने कष्ट नहीं झेले•••तुम हमेशा वहीं रहना चाहती थीं।
और हमेशा-हमेशा के लिए तुम पहाड़ी बर्फ में समां गयीं।
तुमको मैं हमेशा याद करूंगा। मेरी जिन्दगी में तुमसे हुई वो पहली और आखिरी मुलाकात हमेशा जिन्दा रहेगी।
कल से तुम्हारे फोटो को मैं कई बार निहार चुका हूँ। अब इससे ज्यादा हम कर भी क्या सकते हैं??? हम असहाय हैं। तुमसे बहुत मोहब्बत करते हैं हम सभी।
लव यू बाबू!
तुमको श्रध्दांजलि कैसे और किन शब्दों में दूं•••सिर्फ आँखें छलक रही हैं।
अलविदा प्यारी दोस्त!