वहां एक झील रहती थी उस शहर में, कैलाखान में साह जी के मकान की पहली मंजिल पर। एक गहरी झील थी वह। इतनी, कि डूबते-डूबते भी तल ना मिले। हवा की सिहरन जब गुजरती उस पर से तो झूम उठती थी वह।... Read more
”मेले में सीएम हमारे मेहमान थे। इसलिए हमने उनका स्वागत किया और कोई भी विरोध प्रदर्शन उनके खिलाफ नहीं हुआ। लेकिन अगर पंचेश्वर बांध में हमें डुबोया जाएगा तो हम हर तरह से इसका विरोध करेंग... Read more