डॉ मिथिलेश कुमार डांगी दुनिया के आदिवासियों और जंगलों के किनारे बसने वालों का दुर्भाग्य ही है कि उन्हें बार-बार उजाड़ना पड़ता है वह भी उनके अपने देशों के छद्म विकास के नाम पर ।... Read more
डा अतुल शर्मा * न हवा न पेड़ न न जडे़ न फल बस एक सीमेंट का पेड़ न घोंसला न बेल न छाल न फल फूलों का गिरना न फलों की रखवाली बस एक सीमेंट का पेड़ सीमेंट के पेड़ पर बैठी चिड़िया पहली बार सीमेंट... Read more
डॉ. चंदन सिंह अधिकारी जब ग्राम प्रधान, लोगों व प्रकृति के प्रति संवेदशील होते हैं तो वह गांव को स्वर्ग बना सकते हैं, परन्तु यदि उन्हें पर्यावरण की समझ ही न हो अच्छे और बुरे का ज्ञान ही न हो... Read more
महिपाल नेगी, साहब सिहं सजवाण, अरण्य रंजन उत्तराखंड में उत्तरकाशी जनपद के अंतर्गत उत्तरकाशी वन प्रभाग के सेम मुखेम रेंज के वयाली के जंगल में रई और मुरेंडा जैसे उच्च हिमालई हरे पेड़ों का अवैध क... Read more
विनोद पाण्डे इस साल जनवरी के महीने ही से उत्तराखण्ड के अधिकांश जंगल जलने लग गये थे। ये हालत जंगल की बदहाली को बयान कर रहे थे, पर जंगलात इस आड़ में छुपता रहा कि ये जंगल की आग दरअसल “कंट्रोल बर... Read more
जगमोहन रौतेला पिछले दिनों हल्द्वानी की कालाढूँगी रोड में सड़क को चौड़ा करने के नाम पर 70 – 80 साल व इससे भी पुराने आम , कंजू , शीशम , बड़ आदि के डेढ़ दर्जन से अधिक पेड़ काट दिए गए । उ... Read more
योगेश भट्ट उत्तराखंड में हर साल औसतनढाई हजार हेक्टेअर जंगल जलरहे हैं, गर्मियां शुरू होते ही पहाड़पर हाहाकार शुरू हो जाता है ।हर ओर धुंध ही धुंध, जलते जंगलों के बीच अक्सर सांस लेनातक मुश्किल... Read more