शुभनित कौशिक आज तड़के प्रसिद्ध इतिहासकार लाल बहादुर वर्मा का देहरादून में निधन हो गया। लाल बहादुर वर्मा यानी जीवन प्रवाह में बहता हुआ एक एक्टिविस्ट इतिहासकार। एक रंगकर्मी और संपादक, जो आजीवन... Read more
चारु तिवारी उम्र का बड़ा फासला होने के बावजूद वे हमेशा अपने साथी जैसे लगते थे। उन्होंने कभी इस फासले का अहसास ही नहीं होने दिया। पहाड़ के कई कोनों में हम साथ रहे। एक बार हम उत्तरकाशी साथ गये... Read more
डॉ योगेश धस्माना उत्तराखंड के यशस्वी पत्रकार योगेंद्र सिंह भंडारी जी भी इस बीच चल बसे I सामाजिक संकट के इस दौर में यद्यपि 95 वर्ष की उम्र में ,और विशेषकर एक सामान्य अल्पकालीन बीमारी ने भंडार... Read more
पत्रकार उमेश डोभाल को 25 मार्च 1988 को शराब माफियाओं द्वारा मरवा दिया गया था। उनकी 33वीं पुण्यतिथि पर उमेश डोभाल को याद करते हुए उनकी दो कवितायें। अब मैं मार दिया जाऊंगा – उमेश डोभाल मैंने... Read more
नवीन बिष्ट आंखों में काला चश्मा, कान में मोबाइल लगाए, करीने से की गई केष सज्जा, काली पैन्ट अथवा जीन्स और सफेद या आफव्हाइट कलर की शर्ट पहने अलमस्त चाल में बतियाते अच्छी कदकाठी याने कि गबरू नौ... Read more
जगमोहन रौतेला उत्तराखण्ड में जनांदोलनों का प्रतीक रहे व चर्चित उपन्यासकार मित्र त्रेपन सिंह चौहान का लम्बी बीमारी के बाद आज प्रात: लगभग 6.30 बजे देहरादून के सिनर्जी अस्पताल में निधन हो गया... Read more
इन्द्रेश मैखुरी 1990 का दशक था. उत्तराखंड में अमर उजाला,दैनिक जागरण जैसे अखबारों के कदम बहुत जमे हुए नहीं थे. तभी 1994 में उत्तराखंड आंदोलन हुआ. शहर-शहर,कस्बे-कस्बे जुलूस निकलने लगे. आंदोलन... Read more
जय सिंह रावत मेरा मित्र दिनेश कण्डवाल अब नहीं रहा मगर उसकी यादें शेष जीवन में सदैव जीवित रहेंगी। कुछ दिन पहले ही जल्दी मिलने का वायदा कर गया था। हम दोनों का जन्म वर्ष एक था। हमारा विवाह भी ए... Read more
इंद्रेश मैखुरी सोशल मीडिया में लॉकडाउन का वक्त काटने के लिए लोग-आप मुझ को पहली बार कब मिले-को अभियान की तरह चलाये हुए हैं,तब एक लंबी,दुखद यात्रा से लौट कर मैं सोच रहा हूँ कि पुरुषोत्तम असनोड़... Read more
चारु तिवारी जानता तो मैं उन्हें बहुत पहले से था। पहली बार बहुत तरीके से मिले वर्ष 1992 में। उत्तराखंड क्रान्ति दल के गैरसैंण सम्मेलन में। इस सम्मेलन में गैरसैंण को राजधानी बनाने और इसका नाम... Read more