विनीता यशस्वी अब तो समाचार की होली ‘नैनीताल समाचार’ के नये ऑफिस में होने लगी है, पर पहले समाचार के पटांगण में होली होती थी और क्या रंग जमता था! वे सभी रंग जमाने वाले जी रौं लाख सौ बरीस। जब र... Read more
जया पांडे ‘आइ गयो फाग सुनाओ रे मुरलिया’ से होली का आगाज हो जाता है। वैसे तो पौष मास से भी बैठी होली की शुरुआत होती है लेकिन कुमाऊं में महिलाओं की होली फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी से शुरू हो... Read more
प्रमिला जोशी होली कुमाऊँ क्षेत्र का एक प्रमुख पर्व है यहाँ बैठकी व खड़ी होली मनाने की परंपरा है। इन दोनों प्रकार की होलियों में महिला व पुरुष प्रतिभाग करते हैं। बैठकी होली का प्रारंभ पूष माह... Read more
दिवा भट्ट होली रंग है, रंगीन है, रंगत है। होली गीत है, संगीत है, संगत है। संगत; सुर और ताल की, गायक और संगतकार की, राग और रंग की, मित्रों- संबंधियों की, अपनों-परायों की, शत्रु और मित्र की, स... Read more
रेवती बिष्ट होली आई होली आई रे कन्हैया सुना दे जरा बांसुरी… होली आई रे कन्हैया, रूठे श्याम को होली में मना लूंगी, तुम राज के छोरे मैं नंद गांव की बाला, आला रे आला नंदलाला आला रे जरा चु... Read more
बीना बेंजवाल द्यूर-भौज भेना-स्याळ खट्टि मजाक मिट्ठि गाळ चखळ-पखळ लपोड़ा-लपोड़ि सर्म-ल्याज छोळ यालि रंगमत्त बणैगे बणैगे। हो-हो-हो होरि ऐगे। होली के आनन्द और उल्लास का रसोत्सव मनाती नरेन्द्र सिंह... Read more
उमा भट्ट प्रश्न : आपने होली गाना कैसे सीखा ? क्या आप बचपन से ही होली गाती थीं ? जवाब : मेरा बचपन गाँव में बीता। बागेश्वर के पास तिलसारी गाँव है हमारा। मेरी शादी 23 साल की उम्र में हुई।तब तक... Read more
सुभद्रा कुमारी चौहान (‘बगरो बसंत है’ में इस बार प्रस्तुत है ‘खूब लड़ी मर्दानी वह तो…’ ख्याति की कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान की एक गद्य रचना। ... Read more
संकलन : चित्ररेखा उप्रेती ऐसी चतुर ब्रज नारि रंग में हो रही बावरी ऐसी नवल ब्रज नारि रंग में हो रही बावरी कित मन उड़त गुलाल कित मन केसरी होली एक मन उड़त गुलाल सवा मन केसर होली काहे पे छिड़कत श्य... Read more
राजीव लोचन साह होली का मौसम है। होली रंगों का त्यौहार तो है ही, इसके साथ गीत-संगीत भी जुड़ा हुआ है। हमारे कुमाऊँ में तो होली में संगीत और नृत्य पक्ष ही ज्यादा मजबूत दिखाई देता है। इसके साथ ही... Read more