राजशेखर पन्त माहौल निश्चित ही बहुत गर्म है। अयोध्या के राम मंदिर के बाद अब बनारस में ज्ञानवापी, मथुरा में कृष्ण जन्म भूमि और दिल्ली में कुव्वत-उल-इस्लाम… इधर तो हर दिशा से मंदिर तोड़ कर... Read more
चन्द्रशेखर तिवारी भारतीय स्वाधीनता आंदोलन में उत्तराखण्ड के काली कुमाऊं यानि वर्तमान चम्पावत जनपद का अप्रतिम योगदान रहा है। स्थानीय जन इतिहास के आधार पर माना जाता है कि लोहाघाट के निकटवर्ती... Read more
महीपाल सिंह नेगी बात आज से 127 साल पुरानी है। 1893 की बात। अंग्रेजों का राज था। अलकनंदा नदी की सहायक नदी है, बिरही गंगा। गौना गांव के निकट पहाड़ी टूटी और बिरही गंगा का प्रवाह अवरुद्ध हो गया... Read more
हरीश कंडवाल आने वाले भविष्य में 21वीं सदी के साल 2020 को हमेशा इतिहास के पन्नों में याद किया जायेगा। इस 21वीं सदी की एक ऐसा साल जिसमें पूरी दुनिया में दहशत का माहौल बना रहाए दुनिया में कोरोन... Read more
प्रमोद साह उत्तराखंड का जालियांवाला : अपनी समस्याओं को लगातार पत्र और सभाओं के माध्यम से दरबार को बताने के लगातार प्रयासों के बाद भी अहंकारी दीवान चक्रधर जुयाल और महत्वाकांक्षाओं से भरे ड... Read more
गिरिजा पांडे अनियंत्रित और असंतुलित विकास की अंधी दौड़ के साथ बाज़ारवाद के इस दौर ने हाल के दिनों में मानवीय संबंधों के जिस रूप को सामने ला खड़ा किया है उसने आज समूची मानव सभ्यता के सामने कई चु... Read more
डाॅ. कपिलेश भोज उŸाराखण्ड के जाने-माने इतिहासविद् और लेखक ताराचन्द्र त्रिपाठी (जन्म: 24 जनवरी, सन् 1940) की-सन् 1998 में राजकीय इण्टर काॅलेज, नैनीताल से प्राचार्य के पद से सेवानिवृŸा होने के... Read more
जो टेक्नोलॉजी इंसानों को बे-काम बनाती है, संभव है वही न्यूनतम आय की किसी वैश्विक योजना के तहत उन्हें खिलाने और जिंदा रखने में काम आ जाए। मगर उसके बाद असल समस्या ऐसे लोगों को व्यस्त और संतुष्... Read more